मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और शिवसेना ने आज गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया है। सीएम देवेन्द्र फड़णवीस और उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट शेयरिंग फॉर्म्युले का भी ऐलान किया। इस बार के चुनाव में बीजेपी 150 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों नेताओं ने मीडिया के जरिए बागियों को भी सख्त संदेश दिया साथ ही बहुमत से सत्ता में वापसी का विश्वास जताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विचारधारा की समानता पर जोर देते हुए कहा कि हिंदुत्व का धागा दोनों पार्टियों को एकजुट करता है।
सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने सत्ता में वापसी का भरोसा जताते हुए कहा, 'बीजेपी और शिवसेना दोनों पार्टियां साथ में चुनाव मैदान में हैं। आगे भी साथ में ही चुनाव लड़ेंगे। हमें लोगों का पूरा समर्थन मिलेगा। जनता का सहयोग बिल्कुल लोकसभा की तरह ही मिलेगा। हमने सभी वर्ग के लोगों को मौका दिया है। यह चुनाव भारी बहुमत से जीतेंगे। हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र का विकास ही हमारा लक्ष्य है।'
'मान जाएं बागी नहीं तो पार्टी में कोई जगह नहीं'
इस दौरान सीएम फड़णवीस ने बागियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी। दो टूक संदेश देते हुए कहा, 'कई लोगों को लग रहा था कि गठबंधन होगा या नहीं। इस गठबंधन के लिए सबने समझौता किया है। आने वाले दिनों में सभी बागी प्रत्याशियों से अपना नाम वापस लेने को कहेंगे। यह काम महागठबंधन के सभी दलों के बागी कैंडिडेट्स के साथ होगा। अगर वे नहीं मानते हैं तो उन्हें गठबंधन की किसी भी पार्टी में कोई स्थान नहीं मिलेगा।' हालांकि, सीएम ने यह भी भरोसा जताया कि 2 दिनों में ज्यादातर नाराज बागियों को मना लेंगे।
सीएम ने आदित्य के लिए बड़ी जीत की अपील
इस बार चुनाव में ठाकरे परिवार से पहली बार कोई सदस्य सीधे मैदान में है। आदित्य ठाकरे की जीत के लिए खुद सीएम फडणवीस ने अपील की। उन्होंने कहा, 'आदित्य ठाकरे भी इस बार चुनाव मैदान में है। मैं जनता से अपील करता हूं कि आदित्य को सबसे अधिक वोटों के अंतर से जीत दिलाएं। वह जीतेंगे और विधानसभा में साथ ही बैठेंगे।' आदित्य वर्ली सीट से इस चुनाव मैदान में हैं। यह पहली बार होगा, जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य सीधे तौर पर चुनाव में उतरेगा। बाला साहेब ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे अब तक सीधे चुनाव लड़ने से दूरी बनाते रहे हैं।
'बीजेपी-शिवसेना भाई-भाई, कोई बड़ा या छोटा नहीं'
लंबे समय तक महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में रही शिवसेना अब गठबंधन में वह दर्जा नहीं रखती। हालांकि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुद ही समानता पर जोर देते हुए कहा, 'पहले तो गठबंधन पर ही सवाल थे। बीजेपी और शिवसेना भाई-भाई हैं। इसमें बड़े और छोटे भाई जैसा कुछ भी नहीं है। हमें मिलकर महाराष्ट्र के विकास और बेहतरी के लिए काम करना है।' गठबंधन के तहत दोनों दलों ने राज्य की 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 14 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं।