मध्य प्रदेश

फीस निर्धारित नहीं करने पर उच्च शिक्षा से जुड़े बीएड कॉलेजों को नहीं मिलेगा प्रवेश का मौका

भोपाल
प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने आगामी तीन सत्र 2020-21, 2021-22 और 2022-23 की फीस निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। फीस तय कराने कमेटी ने प्रदेशभर के कॉलेज और निजी विवि को जल्द ही पत्र जारी करेगा। फीस निर्धारित नहीं कराने वाले उच्च शिक्षा से जुड़े बीएड कॉलेजों को प्रवेश कराने का मौका नहीं मिलेगा। इससे उनका सत्र जीरो हो जाएगा।

प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग से जुड़कर एनसीटीई के सात कोर्स संचालित हो रहे हैं। इसमें बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, बीएबीएड, बीएससीबीएड के 516 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उनकी प्रदेशभर में करीब पचास हजार सीटें मौजूद हैं।

   सीटों पर प्रवेश देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी तरह फीस कमेटी ने फीस फिक्स करने के लिए कॉलेजों से आॅनलाइन प्रस्ताव जमा कराने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट करना भी शुरू कर दिया है। बीएड कॉलेज प्रवेश की काउंसलिंग शुरू होने के पहले अपनी फीस को फीस कमेटी से अपनी निर्धारित नहीं कराते हैं, तो उन्हें आगामी सत्र 2020-21 की आॅनलाइन काउंसलिंग में भागीदार नहीं बनाया जाएगा। इससे उनकी सीटें सूनी होने पर सत्र जीरो हो जाएगा। इससे बचने के लिए उन्हें फीस कमेटी में समय पर आवेदन देकर अपनी फीस निर्धारित कराना होगी।

फीस निर्धारित नहीं कराने को लेकर कुछ कॉलेज संचालक आमादा हो गए थे, लेकिन दो साल पहले तत्कालीन प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय ने उन्हें काउंसलिंग में शामिल होने का कोई भी मौका नहीं दिया। इससे परेशान होकर कॉलेज संचालकों को अंतिम राउंड की काउंसलिंग में शामिल होने के लिए कमेटी पहुंचकर फीस का निर्धारण कराना पड़ा था। ऐसे कॉलेजों की संख्या करीब पचास थी। इसके कारण उन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया था।

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