प्रेग्नेंसी में बार-बार टॉइलट आना एक सामान्य बात है, लेकिन कई बार यही सामान्य सी बात प्रेगनेंट महिला के लिए बड़ी उलझन पैदा कर देती है। उसका ज्यादातर वक्त बाथरूम के चक्कर काटने में ही निकल जाता है। बार-बार टॉइलट आने की वजह से नींद में भी खलल पड़ जाता है। लेकिन कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से प्रेग्नेंसी में बार-बार टॉइलट आने की समस्या से निपटा जा सकता है।
बार-बार टॉइलट आने का कारण
सबसे पहले तो यह जानें कि प्रेग्नेंसी में बार-बार टॉइलट क्यों आता है। पहले 5 महीनों तक बार-बार टॉइलट इसलिए आता है क्योंकि इस दौरान शरीर में काफी बदलाव आते हैं। इसकी वजह से हॉर्मोन्स पर भी फर्क पड़ता है और ये हॉर्मोन्स किडनी पर ज्यादा यूरिन प्रड्यूस करने के लिए दबाव डालते हैं। इसके अलावा जैसे जैसी बच्चे का विकास होता है, वैसे वैसे ब्लैडर पर प्रेशर बढ़ता चला जाता है।
कितनी बार टॉइलट जाना सामान्य?
इसके अलावा यह भी समझना जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी बार टॉइलट जाना सामान्य है और कितनी बार नहीं। तो बता दें कि इसका कोई फिक्स आंकड़ा नहीं है। कई प्रेगनेंट महिलाएं एक दिन में 4 से 10 बार टॉइलट जाती हैं तो कई महिलाएं 3 से 4 बार।
पानी पीना या तरल पदार्थ लेना कम न करें
सबसे पहले तो यह ध्यान रखें कि आप तरल पदार्थ लेना या पानी पीना कम न करें। अगर आप ऐसा यह सोचकर कर रही हैं कि इससे आपको कम टॉइलट आएगा, तो ऐसा नहीं है। आपकी बॉडी और आपके बेबी को प्रेग्नेंसी के दौरान फ्लूइड की काफी जरूरत होती है। पानी की कमी से यूटीआई हो सकता है।
इन स्थितियों में बार-बार टॉइलट जाना खतरनाक
गर बार-बार टॉइलट जाने के दौरान दर्द हो, या खून निकले या फिर बुखार हो जो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि ये लक्षण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई के हो सकते हैं।
हंसने या छींकने पर भी निकल जाता है टॉइलट?
प्रेग्नेंसी के दौरान जरा सा हंसने या फिर जोर से छींकने से भी हल्का सा टॉइलट निकल जाता है और यह एकदम सामान्य है। इस स्थिति में ब्लैडर पर प्रेशर पड़ने के साथ-साथ बॉडी रिलैक्सिन नाम का एक हॉर्मोन भी सिक्रीट करता है। इससे मांसपेशियां, लिगामेंट्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स रिलैक्स होती हैं। ऐसी स्थिति में आप पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं।