भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में प्राइवेट पैथोलॉजी लैब्स(Private Pathology Labs) का धंधा ज़ोर शोर से चल रहा है. जबकि बदलते मौसम के साथ बढ़ती मरीज़ों की संख्या इन लैब्स के धंधे को और धड़ल्ले से बढ़ा रही है. यही नहीं, अवैध रूप से चल रहे ये पैथोलॉजी लैब आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं. फिलहाल इस बात का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अब एक्शन मोड में आ चुका है और लैब्स के काले धंधे को रोकने की कोशिश कर रहा है.
इसी कड़ी में आज भोपाल जिला के सीएमएचओ सुधीर डहेरिया (CMHO Sudhir Daheria) ने राजधानी के कई प्राइवेट पैथोलॉजी लैब्स का निरक्षण किया. इस दौरान सीएमएचओ ने जनता से अपील करते हुए कहा की जांच वैलिड टेस्ट से ही कराएं. दरअसल इन दिनों प्राइवेट पैथोलॉजी लैब्स रैपिड टेस्ट के आधार पर मरीज़ों को इलाज की सलाह देती हैं, जो कि एकदम गलत है. यही नहीं, ELISA टेस्ट के बिना मरीज़ों को डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया पीड़ित बताते हैं. तमाम खामियों मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लैब बंद कराने को नोटिस जारी किया है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट पैथोलॉजी लैब्स की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिन मरीज़ों को रिपोर्ट में डेंगू और मलेरिया पीड़ित बताया गया था सरकारी अस्पताल की जांच में वो मरीज़ बीमारी रहित बताए गए. इस बात के सामने आते ही स्वास्थ्य अमला लोगों को जागरूक करने निकल पड़ा है.