भोपाल
पवई सीट से विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता के मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच माहौल गर्म है| इस बीच अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है| अगले महीने शीतकालीन सत्र होना है, इससे पहले लोधी की सदस्यता बहाली को लेकर सियासत गरमाई हुई है| सरकार ने लोधी को हाईकोर्ट से मिले स्टे के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) लगाई है। वहीं प्रह्लाद लोधी ने भी सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल की है|
सूत्रों के मुताबिक हाई कोर्ट के स्टे के बाद से ही कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही थी| सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में सरकार ने कहा है कि लोधी को हाईकोर्ट से मिले स्टे को निरस्त करते हुए विशेष न्यायालय का निर्णय यथावत रखा जाए। वहीं लोधी ने भी इस मामले सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल करते हुए आग्रह किया है कि कोर्ट किसी निर्णय से पहले उनके पक्ष को भी सुने। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने सरकार द्वारा याचिका लगाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि कोर्ट से आग्रह किया गया है कि याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए। उन्होंने संभावना व्यक्त की एक-दो दिन में कोर्ट याचिका पर विचार करेगा।
बता दें प्रहलाद लोधी को स्पेशल कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है| वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने पवई विधानसभा को शून्य घोषित किया था लेकिन बाद में मामले में हाईकोर्ट ने सजा पर स्टे लगा दिया था। लोधी को विशेष न्यायालय के निर्णय पर हाईकोर्ट से स्टे मिल चुका है, इसलिए वे चाहते हैं कि उनकी सदस्यता बहाली हो। लोधी ने भाजपा नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार की। सदस्यता बहाली को लेकर भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं|