भोपाल
जिले में अति वर्षा के चलते 584 गांवों के 73 हजार 523 किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। यह फसल 95 हजार हेक्टेयर के रकबे में लगाई गई थी। यह खुलासा प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ था। इसमें किसानों को 25 से 60 फीसदी तक नुकसान आंका गया था। जिसके तहत 84 करोड़ 34 लाख 69 हजार 722 रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। कलेक्टर ने करीब एक माह पहले राहत आयुक्त को मुआवजा राशि का मांग पत्र भेजा था, लेकिन वर्तमान समय तक किसानों को राहत नहीं मिल सकी है।
सर्वे में अधिकतर गांवों में सोयाबीन फसल को 50 से 60 फीसदी तक नुकसान सामने आया है। कलेक्टर तरुण पिथौड़े का कहना है कि जिले के सभी गांवों में खरीफ फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराकर रिपोर्ट भेज दी गई है। सर्वे रिपोर्ट में जिले में करीब 95 हजार 208 हेक्टेयर रकबे में फसलों को 25 से 60 फीसदी तक नुकसान हुआ है। खेतों में पड़ी फसल गलने की वजह से शेष बची फसल भी खराब हुई है। अधिक बारिश से हुए नुकसान के सही आकलन के लिए इस बार राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग के अमले की संयुक्त टीम ने सर्वे किया है।
राहत राशि नहीं मिलने की वजह से किसान रबी सीजन की बोवनी तक नहीं कर पाए हैं। इन किसानों को डिफाल्टर होने की वजह से सहकारी समितियों से खाद-बीज भी नहीं दिया गया है। जिले में सबसे ज्यादा बैरसिया क्षेत्र के 42 हजार 869 किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, जबकि हुजूर क्षेत्र के 28 हजार 309 किसान प्रभावित हैं। इन सभी किसानों को अब भी राहत राशि का इंतजार है।