प्रशांत किशोर पर जालसाजी का केस करने वाले शाश्वत बोले- गलती मान लें तो माफ कर दूंगा

 पटना 
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज कराने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय समनवयक शाश्वत गौतम ने कहा है कि अगर वह (प्रशांत किशोर) अपनी गलती मान लें तो मैं उन्हें माफ कर दूंगा। प्रशांत किशोर पर अपने अभियान (बात बिहार की) के लिए कंटेट की नकल करने का आरोप लगा है जिसके चलते शाश्वत ने उनके खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।

शुक्रवार को पटना में आयोजित प्रेसवार्ता में शाश्वत गौतम ने कहा कि प्रशांत किशोर ना सिर्फ डाटा बल्कि पूरा आइडिया ही चुराया है। मैनें 'बिहार की बात' नाम से वेबसाइट बनाई थी जबकि प्रशांत ने एक महीने बाद 'बात बिहार की' नाम से वेबसाइट बनाई। उन्होंने लोगो तक की कॉपी की है। बता दें कि शाश्वत ने जो एफआईआर दर्ज कराई है उसमें एक अन्य युवक ओसामा का भी नाम है। ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है। केस दर्ज करवाने वाले शाश्वत पूर्व में कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।

दरअसल शाश्वत गौतम ने 'बिहार की बात' के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी। इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस्तीफा दे दिया। आरोपों की मानें तो उसी ने शाश्वत गौतम के प्रोजेक्ट (बिहार की बात) के सारे कंटेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिए। इसके बाद प्रशांत किशोर ने उन सारे कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया।

सूत्रों के मुताबिक, शाश्वत गौतम ने पुलिस को साक्ष्य भी दिए हैं। उनका दावा है कि अपने कंटेंट के साथ उन्होंने वेबसाइट को जनवरी माह में ही रजिस्टर्ड करवाया था। जबकि प्रशांत किशोर ने अपनी वेबसाइट को फरवरी में पंजीकृत करवाया।

कौन हैं केस दर्ज कराने वाले शाश्वत गौतम
शाश्वत गौतम बिहार के पूर्वी चंपारण के चैता गांव के रहने वाले हैं। वे पेशे से इंजीनियर हैं। काफी दिनों तक वे अमेरिका में रहे। वर्ष 2011 में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने शाश्वत गौतम का चयन ग्लोबल लीडर्स फेलो के रूप में हुआ। उन्होंने वहां एमबीए की पढ़ाई की। जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में 2012 में छात्र संघ का चुनाव जीता।

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