नई दिल्ली
पिछले छह महीने में हुए कामकाज का ब्यौरा जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ विभागों के सचिवों को भी शामिल होने को कहा गया है। यह मीटिंग 21 दिसंबर को दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र ऑडिटोरियम में बुलाई गई है। मीटिंग में पीएम मोदी खुद हिसाब-किताब लेंगे कि बीते छह महीने में विभिन्न मंत्रालयों ने क्या काम किया है। सूत्रों के मुताबिक, आगामी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भी इसी मीटिंग से इनपुट लिए जा सकते हैं।
मंत्रालयों से यह भी कहा गया है कि छह महीने में क्या काम हुआ है, इसकी रिपोर्ट वे मीटिंग से पहले ही भेज दें। मंत्रियों को संबंधित मंत्रालयों द्वारा छह महीने में किए गए काम के लिए प्रजेंटेशन भी तैयार करने को कहा गया है। यही नहीं उनसे यह भी बताने को कहा गया है कि अगले साढ़े चार साल में उनके मंत्रालय द्वारा क्या काम किए जाने हैं, या किए जा सकते हैं।
रिपोर्ट तैयार करने में जुटे मंत्रालय
मीटिंग की गंभीरता को देखते हुए सभी मंत्रालय अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष समेत तमाम बड़े नेता भी हिस्सा ले सकते हैं। बता दें कि इस तरह मंत्रियों की मीटिंग लगभग छह महीने बाद हो रही है। इससे पहले पीएम मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 13 जून को बुलाई थी।
पिछली मीटिंग में पीएम मोदी ने विभिन्न मंत्रालयों के अजेंडा को रेखांकित किया था। पीएम मोदी ने मंत्रियों के सामने 'मिशन 2022' को लेकर अपनी प्राथमिकताएं बताई थीं। मंत्रियों से यह भी कहा गया था कि वे कार्यों की समीक्षा के लिए हर तीन महीने में रिपोर्ट कार्ड पेश करें। इसके पीछे पीएम मोदी का मकसद था कि उच्च वरीयता वाली योजनाओं को लागू करने को और मदद की जा सके।
परफॉर्मेंस पर बचेगी कुर्सी?
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री मोदी खुद सक्रिय हैं। उनका मकसद है कि 2022 तक लोगों को घर और हर घर को पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। 21 दिसंबर की मीटिंग में इन सभी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी, जिससे प्रधानमंत्री यह जान सकें कि मंत्रियों के साथ-साथ मंत्रालय कैसा काम कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इसी परफॉर्मेंस को आगामी कुछ हफ्तों में होने वाले कैबिनेट विस्तार या बदलाव के लिए भी आधार बनाया जा सकता है।
जून में हुई मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को कहा था कि वे समय पर दफ्तर पहुंचें और घर से काम करने से बचें। उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों से यह भी कहा था कि वे अपने डेप्युटी मंत्रियों को भी फैसलों में शामिल करें। मंत्रियों को निर्देश दिए गए थे कि वे सांसदों को समय दें और उनकी समस्याओं को समाधान करें।