जिला पुलिस प्रशासन,बुरहानपुर की अभिनव पहल: पॉक्सो और जेजे एक्ट पर पुलिस अधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम
बुरहानपुर/भोपाल. जिला पुलिस प्रशासन विभाग बुरहानपुर द्वारा पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र तार्नेकर के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नगर पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र यादव के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, एसजेपीयू के प्रतिनिधि तथा चाइल्ड लाइन टीम के लिए पॉक्सो एवं जेजे एक्ट पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। बता दें कि जिले में पुलिस विभाग के कर्मचारी अधिकारीगण के प्रशिक्षण को पहली बार ऑनलाइन संचालित किया गया।
अभिमुखीकरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए नगर पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र यादव ने कहा कि पॉक्सो एवं जेजे एक्ट को पुलिस प्रशासन भी संवेदनशीलता के साथ समझने और उसको हल करने का प्रयास करता है, इसी का परिणाम है कि उच्च स्तर से लेकर जिले स्तर तक का अमला भी इस प्रशिक्षण के महत्व को समझते हुए ऑनलाइन प्रशिक्षण करके संवेदीकरण का कार्य कर रहा है।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि बाल और किशोरों के मुद्दे पर और उनके केस पर संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ भविष्य में भी काम करने की जरूरत है। आने वाले दिनों में बच्चो, किशोरों और महिलाओं में मुद्दों पर अलग-अलग विषयों पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ऑनलाइन/ऑफलाइन उन्मुखीकरण और प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी और बाल मुद्दों की विशेषज्ञ मेघा भिड़े द्वारा पॉक्सो एक्ट पर चर्चा करते हुए बताया गया कि पॉक्सो एक्ट 18 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों को चाहे वो लड़की हो या लड़का जिनके साथ किसी भी प्रकार का लैंगिक शोषण हुआ हो या करने का प्रयास किया गया है वो इस कानून के दायरे में आते हैं।
ये कानून लिंग निरपेक्ष है, तथा इसके अंतर्गत आने वाले मामलों की सुनवाई विशेष न्यायालयो में होती है। इसमें विशेष बात है कि इसमें आरोपी को सिद्ध करना पड़ता है कि उसने अपराध नहीं किया है। पीडि़त को इसमें कुछ भी साबित करने की आवश्यकता नहीं है। पॉक्सो एक्ट 9 भागो में है, जिसमें धारा 1 से धारा 46 तक समाहित है।
जेजे एक्ट पर प्रतिभागियों को बताया कि जेजे एक्ट 10 भागों में विभक्त है, इसमें धारा 1 से धारा 112 को शामिल किया गया है। जो भी बच्चा श्रम कानून का उलंघन करते हुए, भीख मांगते हुए, सड़क पर रहते हुए, बिना घर के, बिना जीविका, मानसिक व शारीरिक रूप से विशेष जरूरत वाले, जिनके साथ अत्याचार- दुव्र्यवहार-शोषण हुआ हो, नशीली दवाओ में संलिप्तता तथा अल्प आयु में जिसका विवाह (बाल विवाह) कर दिया जाता है, वो सभी बच्चे जेजे एक्ट के अंतर्गत शामिल हंै।
जेजे एक्ट को लागू कराने में जेजे बोर्ड और बाल कल्याण समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है। चाइल्ड लाइन के माध्यम से या सीधे आए हुए प्रकरणों पर समिति अपने विवेकानुसार तथा विधि सम्मत निर्णय ले सकती है। लेकिन उसमें बच्चे के सर्वोत्तम हित के सिद्धांत को ध्यान में रखना आवश्यक है।
देवेन्द्र यादव, नगर पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर तथा सुमन कुमार पिल्लई, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग बुरहानपुर की विषय के प्रति गंभीरता, संवेदनशीलता तथा सकारात्मकता की मंशा व्यक्त करते हुए सुनील सेन जिला समन्वयक, ममता (यूनिसेफ समर्थित) द्वारा बताया गया कि कोरोना के बाद सामान्य होने कि स्थिति में शिक्षा विभाग के सहयोग से गुड टच-बेड टच, पॉक्सो और जेजे एक्ट संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां क्रमबद्ध तरीके से विद्यालयों में आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही साईबर क्राइम और बाल व किशोर विषय पर भी गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिससे बच्चों और किशोरों में जागरुकता बढ़ सके।
कार्यक्रम में जिले के सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारियों ने अपने अनुभवों को साझा किया था। अपनी शंकाओं का समाधान भी विशेषज्ञों से किए। आभार प्रदर्शन चाइल्ड लाइन टीम बुरहानपुर के सदस्य पवन पाटिल ने किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सुनील सेन, जिला समन्वयक, ममता संस्थान (यूनिसेफ समर्थित) द्वारा किया गया।