भोपाल
पेट्रोल और डीजल के दामों में की गई वृद्धि के विरोध को देखते हुए अब राज्य सरकार बैकफुट पर है। जल्द ही राज्य शासन पेट्रोल की कीमतों में कमी को लेकर फैसला कर सकता है और इसमें अतिरिक्त कर के रूप में वसूले जा रहे कम से कम दो रुपए की कटौती की जा सकती है। सरकार ने सोमवार तक इसको लेकर समीक्षा रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश में बाढ़ के हालात बनने के बाद किसानों को दी जाने वाली सहायता के नाम पर राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने का आदेश 20 सितम्बर को जारी किया था। इसके बाद सरकार को चौतरफा विरोध झेलना पड़ा क्योंकि वचन पत्र में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने की बात कही गई थी।
राज्य सरकार जुलाई से अब तक दो बार पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट और अतिरिक्त टैक्स बढ़ा चुकी है। इसलिए भी ज्यादा विरोध हुआ। विभागीय सूत्रों के अनुसार जुलाई में पेट्रोल पर दो रुपए अतिरिक्त कर लगाया गया था जबकि 20 सितम्बर के आदेश में पांच-पांच प्रतिशत वैट टैक्स बढ़ा है। इसका असर यह हुआ है कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में दूसरे राज्यों में सस्ता होने से वहां के डीजल व पेट्रोल की सप्लाई बढ़ी है और एमपी में खपत घटी है। इसी सूचना के बाद राज्य शासन बढ़े दामों को वापस लेने की कवायद में जुटी है।