छत्तीसगढ़

पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे – मनिंदर कौर द्विवेदी

रायपुर
गांधी जी की 150 वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग-राष्ट्रीय नोडल अभिकरण के बैनर पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय वर्कशाप का आयोजन गुरूवार को राजधानी में आयोजित किया गया था जिसमें पिछले सालों की उपलब्धि और आगामी साल के लक्ष्य पर चर्चा हुई। खादी और ग्रामोद्योग आयोग व खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी, बैंकर्स, 27 जिलों के जिला उद्योग केन्द्र के प्रभारी इस वर्कशाप में शामिल हुए।

इस वर्कशाप में प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग छत्तीसगढ़ शासन मनिंदर कौर द्विवेदी,निदेशक खादी ग्रामोद्योग आयोग एसएस त्रिभुवन, प्रबंधक आरबीआई अनुराग सिन्हा, उद्योग संचालनालय के डिप्टी डायरेक्टर संजय सिन्हा मार्गदर्शन के लिए उपस्थित थे। खुली चर्चा में संयुक्त रूप से पहले सभी ने हिस्सा लिया। मनिंदर कौर द्विवेदी ने कहा कि विभागों में तालमेल रखें और सबसे निचले व अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास करें ताकि हमारी योजनाओं का लाभ उन्हे मिल सके। दूसरों की गलती देखेंगे तो हम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेंगे. विभागीय जानकारी में बताया गया कि 2018-19 में योजनाओं के क्रियान्वयन में लगे तीनों विभागों के सतत प्रयासों और बैंकों के  सहयोग से उपलब्धि निर्धारित लरू्य से अधिक रही। 122 प्रतिशत इकाईयों को वित्तपोषित किया गया व 107 प्रतिशत मार्जिन मनी भुगतान हुआ। 2019-20 का लक्ष्य और उपलब्धि पर गौर करें तो बैंकवार 761 इकाईयों को 1711.36 लाख मार्जिन मनी का भुगतान हुआ है। जो लक्ष्य का क्रमश: 27.39 व 20.53 प्रतिशत रहा है।

साथ ही इस बात के लिए आगाह किया गया कि अग्रेषित प्रकरण जो स्वीकृत योग्य है उनको शीघ्र स्वीकृत करें। लंबित प्रकरणों का क्लेम अविलंब सुनिश्चित करें। वर्कशाप में आगे यह जानकारी दी गई कि मार्च 2019 तक की स्थिति में 1716 प्रकरण जिनकी मार्जिन मनी 3707.61 लाख रुपए होता है जिसका क्लेम बैंकों के द्वारा नहीं किया गया। यदि इनका क्लैम हो गया होता तो इसका सीधा प्रभाव चालू वित्तीय वर्ष में अधिकाधिक लोगों को लाभ मिलता।

सब कुछ आनलाइन इसलिए रखें सावधानी
वर्कशॉप में यह बताया गया कि मार्जिन मनी क्लेम आनलाइन करते समय यदि कोई त्रुटि हो गई तो मार्जिन मनी का भुगतान समय पर नहीं हो पाता है। इसे सुधारने हेतु आनलाईन रिमार्क खादी और ग्रामोद्योग आयोग मुंबई भेजा जाता है। जिसका सुधार बैंक व विभाग द्वारा आनलाइन  भेजना होता है। जब तक सुधार नहीं होगा,भुगतान भी नहीं होगा। इसलिए प्रोजेक्ट भेजते समय सावधानी बरतें।

योजना के तहत एक करोड़ के विस्तार पर 15 प्रश. अनुदान
पीएमईजीपी/मुद्रा/आईजीपी योजना के तहत स्थापित ईकाईयों में से जो सफल ईकाई हैं यदि वे अपनी विस्तार योजना चाहती है तो एक करोड़ रुपए तक 15 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ में ऐसी 41 ईकाईयों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। परंतु अभी तक केवल एक ईकाई ही इस योजना का लाभ लिया है।

संकलित करें सफल उद्योग की जानकारी
वर्कशाप में बताया गया कि पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत जो स्थापित ईकाई सफलता के झंडे गाड़ चुकी हैं उनकी जानकारी, फोटो, वीडियो के साथ उपलब्ध करायें उस सफल उद्यमी की सक्सेस स्टोरी का पकाशन राष्ट्रीय स्तर पर होगा। राज्य कार्यालय से खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड व उद्योग विभाग से इसका संकलन मंगाया गया है और यह हर हाल में हर जिलों से कम से कम 5 की संख्या में नवंबर 2019 तक प्राप्त हो जानी चाहिए।

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