कुआलालंपुर
कश्मीर और संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर पाकिस्तान की भाषा बोल रहे मलयेशिया की अकड़ अब ढीली होने लगी है। पिछले महीने भारत ने मलयेशिया से रिफाइंड पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके बाद मलयेशिया के सुर बदलने लगे हैं। मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के उत्तराधिकारी अनवर इब्राहिम ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि भारत को सुर में बदलाव पर ध्यान देना चाहिए।
खाद्य तेलों के दुनिया के सबसे बड़े खरीदार भारत ने पिछले महीने मलयेशिया से पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था और अनौपचारिक तौर पर ट्रेडर्स से कहा था कि वे मलयेशिया से खरीदारी बंद कर दें। मलयेशिया इंडोनेशिया के बाद खाद्य तेलों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है।
कश्मीर और सीएए पर मलयेशिया ने की थी भारत की आलोचना
पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध के भारत के फैसले को मलयेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद को जवाब के तौर पर देखा गया जिन्होंने भारत के नए नागरिकता कानून की यह कहते हुए आलोचना की थी कि यह मुस्लिमों से भेदभाव करता है। इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर भी महातिर ने पाकिस्तान की बोली में बोलते दिखे हैं। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए महातिर ने भारत पर आरोप लगाया था कि उसने कश्मीर पर कब्जा किया हुआ है।
'चिंता व्यक्त करने के बजाय बहुत आगे बढ़ गए महातिर'
अनवर इब्राहिम और महातिर मोहम्मद पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन दोनों के बीच एक समझौता हुआ है जिसके मुताबिक इस साल के आखिर में इब्राहिम 94 वर्षीय महातिर की जगह लेने वाले हैं। मलयेशिया के पीएम इन वेटिंग अनवर इब्राहिम ने कहा कि भारतीय सरकार की निंदा करते हुए महातिर शायद चिंताओं को कूटनीतिक ढंग से व्यक्त करने से कहीं काफी आगे बढ़ गए।
बोल गए थे महातिर लेकिन अब संभाल रहे हैं: इब्राहिम
अपने इंटरव्यू में अनवर इब्राहिम ने कहा, 'जब चिंता व्यक्त करते हैं तो देश इसका बुरा नहीं मानते लेकिन महातिर निश्चित तौर पर बहुत ज्यादा सख्त थे।' इब्राहिम ने आगे कहा, 'लेकिन उसके बाद महातिर ने पिछले कुछ हफ्तों से नुकसान कम करने की हर भरसक कोशिश की और जरूरी सामंजस्य लाने की कोशिश की है। मुझे पूरा यकीन है कि भारत के नेता इसका संज्ञान लेंगे कि महातिर ने पहले कहा जरूर था लेकिन उसके बाद से अब वह या तो उन बातों को दोहराने से बच रहे हैं या उनके सुर बदले हुए हैं।'
महातिर के भी बदले सुर
बता दें कि जब भारत ने पिछले महीने मलयेशिया से पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगाया था तो महातिर ने जवाबी कदम उठाने के बजाय यह कहा था कि हम भारत से बहुत छोटे हैं, बदला नहीं ले सकते। तब मलयेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था के सामने मलयेशिया कहीं नहीं टिकता है, इसलिए जवाबी कार्रवाई की सवाल ही नहीं उठता है। महातिर ने कहा, 'हम जवाबी कार्रवाई करने के लिहाज से बेहद छोटे हैं।'