जयपुर
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अंदरूनी झगड़े का फायदा उठाने में जुटी बीजेपी अब राजस्थान में कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी की थाह लेने की कोशिश में लग गई है. यही वजह है कि नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में राज्यसभा के लिए दूसरे उम्मीदवार के रूप में ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में उतार दिया है.
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में बड़ा झटका देने के बाद अब बीजेपी राजस्थान में एक लिटमस टेस्ट कर लेना चाहती है. दरअसल, बीजेपी को लगता है कि यही मौका है कि जब यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कितने विधायक नाराज हैं और क्या सचिन पायलट गुट कांग्रेस के उम्मीदवार का विरोध करने के लिए हमारे साथ जा सकते हैं.
कांग्रेस में हुआ था डांगी का विरोध
कांग्रेस ने गुरुवार रात राज्यसभा के लिए 2 उम्मीदवारों की घोषणा की थी. कांग्रेस की ओर से एक उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल हैं जो कांग्रेस के संगठन महासचिव हैं तो दूसरे नीरज डांगी हैं. नीरज डांगी के नाम को लेकर उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट की भी आपत्ति थी.
पायलट गुट के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने तो खुलेआम इसका विरोध भी किया था. लेकिन अंत में सीएम गहलोत की ही चली और नीरज डांगी को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया गया.
तीन बार विधानसभा हार चुके हैं डांगी
बता दें कि नीरज डांगी पिछले तीन बार से विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से हार रहे हैं. लेकिन अशोक गहलोत के करीबी होने की वजह से उन्हें हर बार टिकट मिल जाता है. अब तीसरी बार हारने के बाद डांगी को राज्यसभा का टिकट मिलने पर पायलट गुट नाराज है.
इसी झगड़े का अंदाजा लगाने के लिए बीजेपी ने ओंकार सिंह लखावत के रूप में उम्मीदवार उतार दिया. इससे पहले बीजेपी ने अपने एक ही उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत को राज्यसभा का पर्चा भरवाया था.