वॉशिंगटन
अमेरिका के पूर्व सैन्यकर्मियों ने कश्मीरी समुदाय और भारतीय अमेरिकियों के साथ मिलकर पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों को समर्थन देने के खिलाफ वॉशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने 'पाकिस्तान तालिबान है', 'पाकिस्तानी एक आतंकवादी देश है' और '(ओसामा) बिन लादेन कहां था' जैसे नारे लगाए और मांग की कि पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित किया जाए।
पूर्व सैन्यकर्मी डेविड डीनस्टैग ने कहा, 'मैं अमेरिका में भारत की भूमिका के बारे में जागरुकता फैलाने आया हूं। पाकिस्तान तालिबान का समर्थन करके अमेरिकी बेटों और बेटियों को मार रहा है और यह अक्सर अमेरिकी करदाताओं के धन से किया जाता है। करदाताओं को इसकी जानकारी भी नहीं है।' कांग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट वर्जीनिया से कांग्रेस (संसद) का चुनाव लड़ रहीं एलिसिया एंड्रयूज भी प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि उन लोगों के 'पीछे खड़ा होना' महत्वपूर्ण है जिन्हें आतंकवादी संगठन लगातार निशाना बना रहे हैं। 'हम उस देश को नजरअंदाज नहीं कर सकते' जो इतने आतंकवादी समूहों को समर्थन दे रहा है।
भारतीय अमेरिकी प्रदर्शनकारी मंगा अनंततमुला ने कहा, 'हम सब जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को कैसे पाल पोस रहा है। दुनिया को कश्मीर के नरसंहार के बारे में नहीं पता। पाकिस्तान 25000 से अधिक कश्मीरी हिंदुओं की हत्या का जिम्मेदार है।' जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हुई ज्यादती का शिकार हुई मिथिला ने कहा कि धारा 370 के प्रावधानों को हटाया जाना समुदाय के लिए उम्मीद की किरण है।
रैली के आयोजक एवं 'वैश्विक कश्मीरी पंडित समुदाय' के वॉशिंगटन डीसी समन्वयक मोहन सप्रु ने बताया कि विभिन्न समुदायों एवं पृष्ठभूमियों के प्रदर्शनकारी भारत, अफगानिस्तान और कुछ पश्चिमी देशों में आतंकवाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की नीति की कड़ी निंदा करने और अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए एकत्र हुए।