इस्लामाबाद
चीन को अपना सदाबहार दोस्त कहने वाला पाकिस्तान उसके कर्ज के बोझ से बुरी तरह दबा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को आईएमएफ के कर्ज से दोगुनी राशि चीन को चुकानी है। वह उसके कर्ज के बोझ से दबा हुआ है और यह रकम लगातार बढ़ती जा रही है। कर्ज के चलते पाकिस्तान के सामने फॉरेन एक्सचेंज का संकट भी आ खड़ा हुआ है। आईएमएफ के मुताबिक पाकिस्तान को जून 2022 तक चीन को 6.7 अरब डॉलर की रकम चुकानी है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ ने 2022 में पाकिस्तान के लिए एक नए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी है। इसके अलावा इस्लामाबाद को कुछ अन्य कर्जों के लिए 2.8 अरब डॉलर की जरूरत है। चीन के बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट में प्रमुखता से शामिल पाकिस्तान ने कर्ज के संकट से निपटने के लिए उससे बड़े पैमाने पर लोन लिया है। हालांकि चीन से मोटा कर्ज लेकर वह एक नए संकट में घिर गया है।
कराची स्थित ऑप्टिमस कैपिटल मैनेजमेंट के हाफिज फैजान अहमद ने कहा, 'बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट की शुरुआत के बाद से कर्ज के इस संकट में इजाफा हुआ है।' उन्होंने कहा दो साल पहले चीन से लिया गया कर्ज लगातार बढ़ने लगा, जब देश में डॉलर रिजर्व कम हुआ। ऐसी स्थिति में संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान ने लगातार कर्ज का सहारा लेना शुरू किया और वह इस दलदल में फंसता हुआ चला गया।
गौरतलब है कि बीते साल सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट ने पाकिस्तान को उन 8 देशों में शामिल किया था, जो बेल्ट ऐंड रोड प्लान के चलते कर्ज के संकट में फंसे हैं। सेंटर फॉर स्टडी ऑफ पाकिस्तान के मेंबर बुरजिन वाघमर ने कहा कि यह पूरी तरह से पाकिस्तान के खिलाफ ही गया है।