खेल

पहली बार ओलंपिक क्वालिफायर में तिरंगे के बिना उतरे तीरंदाज

नई दिल्ली
भारतीय खेलों के इतिहास में पहली बार किसी ओलंपिक क्वालिफायर में देश की टीम तिरंगे के बिना उतरी है। एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में रविवार को बैंकाक में भारतीय तीरंदाज ओलंपिक एथलीट के नाम से वर्ल्ड आर्चरी के झंडे तले खेलने उतरे। भारतीय तीरंदाज अपनी जर्सी पर वर्ल्ड आर्चरी का झंडा लगाकर उतरे हैं। उनकी ओर से चैंपियनशिप में जीते गए पदकों पर समारोह के दौरान देश का नहीं बल्कि वर्ल्ड आर्चरी का झंडा फहराया जाएगा और उसी की धुन बजेगी। हालांकि महिलाएं अगर ओलंपिक कोटा हासिल करती हैं तो यह देश के खाते में ही जाएगा।

यह शर्मिंदगी वर्ल्ड आर्चरी की ओर से आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई) पर लगाए गए प्रतिबंध के चलते उठानी पड़ी। हालांकि अदालत की ओर से गठित अस्थाई कमेटी ने वर्ल्ड आर्चरी से कहा था कि उसके आदेश के अनुसार एएआई के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कारण पर तीरंदाजों को देश के झंडे तले खेलने दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

भारतीय तीरंदाजों ने पहले दिन अच्छी शुरुआत की है। ओलंपिक क्वालिफाई कर चुकी पुरुष रिकर्व टीम (अतानु दास, तरुणदीप रॉय, जयंत तालुकदार) रैंकिंग राउंड में 2014 अंकों के साथ दूसरे और महिलाएं (दीपिका कुमारी, बोंबाइला देवी, अंकिता भगत) 1927 अंकों के साथ चौथे स्थान पर हैं। कंपाउंड में पुरुष (अभिषेक वर्मा, रजत चौहान, रामस्वरूप) 2110 के साथ शीर्ष और महिलाएं (मुस्कान, ज्योति सुरेखा, प्रिया गुर्जर) 2068 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। दीपिका 655 अंकों के साथ व्यक्तिगत रैंकिंग में आठवें और अतानु चौथे स्थान पर हैं। दोनों मिक्स टीम रैंकिंग में 1332 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।

टीम मैनेजमेंट ने अंतिम क्षणों में दीपिका कुमारी को तीन सदस्यीय टीम में रखा। ट्रायल में दीपिका चौथे स्थान पर रही थीं। प्रमिला डिमरी उनसे ऊपर थीं। लेकिन मैनेजमेंट को लगा कि दीपिका का अनुभव काम आएगा और प्रमिला की फार्म उनके मुकाबले कमजोर है। प्रमिला ने भी खुद को टीम से बाहर करने पर हामी भरी। यह फैसला सही साबित हुआ है। दीपिका ओलंपिक क्वालिफाई करने की होड़ में हैं। पहले तीन तीरंदाजों को ओलंपिक कोटा मिलना है।

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