कोलकाता
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया। यहां पर प्रदर्शन के बीच देसी बम फेंके गए और गोलियां भी चलाई गईं। इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक शख्स घायल हो गया। घायल व्यक्ति को आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों ने बम से हमला किया, जिसमें लोगों की जान गई।
बता दें कि भारतीय नागरिक मंच की ओर से यहां बंद का ऐलान किया गया था, लेकिन इस दौरान यहां से बवाल की खबरें सामने आईं। हिंसा की खबरें सामने आने के बाद पुलिस की टीम को मौके पर भेजा गया ताकि स्थितियों पर नियंत्रण किया जा सके। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीएए को लेकर जलंगी में दो समूहों के बीच बहस शुरू हो गई जो झड़प में बदल गई। इस झड़प में दो लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। घायल शख्स को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
कांग्रेस बोली- टीएमसी के गुंडों ने चलाए बम
हिंसा के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'साहब नगर इलाके के लोग नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक टीएमसी के गुंडों ने उनपर बम से हमला कर दिया। इसमें एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। कम से कम चार लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।'
इधर, सीएए के खिलाफ अनिश्चित काल के लिए पश्चिम बंगाल के पार्क सर्कस मैदान में धरने पर बैठी 60 मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को 23वें दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इस मैदान को ‘कोलकाता का शाहीन बाग’ कहा जा रहा है। इनमें गृहणियों से लेकर पेशेवर महिलाएं तक शामिल हैं, जिनके वहां से हटने की फिलहाल कोई योजना नहीं दिख रही है। धरने पर बैठी महिलाओं में से एक गृहिणी परवीन नजीर का मानना है कि इस प्रदर्शन की सबसे बड़ी ताकत यह है कि प्रदर्शनकारी किसी राजनीतिक समूह से जुड़े नहीं हैं।
'कोलकाता का शाहीन बाग'
परवीन नजीर ने कहा, ‘हमारी एकमात्र पहचान यह है कि हम भारतीय हैं, और हम महिलाएं हैं, जो किसी ताकत से नहीं डरती।’ बीजेपी ने आरोप लगाए हैं कि ये प्रदर्शनकारी भारतीय नहीं, बल्कि घुसपैठिए हैं, जिस पर नजीर ने कहा, ‘हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, सदियों से हिंदुओं के साथ दुर्गा पूजा समारोहों में भाग लेते आ रहे हैं।'