नई दिल्ली
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव का पद छोड़ने के बाद से अब नृपेंद्र मिश्रा के अगले कार्यभार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के नौकरशाह मिश्रा को नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाने की अटकलें हैं। प्रधानमंत्री के करीबी और पांच साल तक अहम पद संभालने वाले मिश्रा जम्मू एवं कश्मीर में इस महत्वपूर्ण पद के दावेदारों में से एक हैं।
असल, केंद्र सरकार राज्य को सामान्य स्थिति में लाने को उत्सुक है और 5 अगस्त से लगाए गए प्रतिबंधों को कम करने की योजना है। वहां विधानसभा चुनाव कराने के अलावा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है।
दिल्ली का उपराज्यपाल बनाए जाने की भी चर्चा
उधर, मिश्रा को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाने की भी चर्चा चल रही है। दिल्ली में भी अगले साल चुनाव होने हैं। प्रधान सचिव का पद छोड़ने के अपने फैसले के बाद मिश्रा ने एक बयान में कहा कि अब उनके लिए आगे बढ़ने और सार्वजनिक ध्येय और राष्ट्रीय हित के लिए समर्पित रहने का समय है।
पीएम ने की मिश्रा के कार्यमुक्त होने की पुष्टि
बता दें कि नृपेंद्र की कार्य मुक्ति की पुष्टि खुद पीएम मोदी ने ट्विटर पर की है और उनके मुताबिक वह सितंबर के दूसरे सप्ताह में इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, '2019 के चुनाव नतीजे आने के बाद नृपेंद्र मिश्रा जी ने खुद को प्रिंसिपल सेक्रटरी के पद से सेवामुक्त किए जाने का अनुरोध किया था। तब मैंने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया था।'
पीएम ने की तारीफ
पीएम ने मिश्रा के कार्य की तारीफ भी की। उन्होंने आगे लिखा, '2014 में जब मैंने प्रधानमंत्री के रूप में दायित्व संभाला, तब मेरे लिए दिल्ली भी नई थी और नृपेंद्र मिश्रा जी भी नए थे। लेकिन दिल्ली की शासन-व्यवस्था से वे भली-भांति परिचित थे। उस परिस्थिति में उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रटरी के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं दीं।'