दावोस
पीयूष गोयल ने दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के एक सेशन में कहा कि अगर मैं मंत्री नहीं होता तो मैं एयर इंडिया के लिए बोली लगाता। मोदी सरकार में गोयल वाणिज्य और रेल मंत्री हैं। 'स्ट्रैटिजीक आउटलुक इंडिया' सेशन में उनसे एयर इंडिया, बीपीसीएल और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के विनिवेश को लेकर सवाल पूछे गए थे। उन्होंने कहा कि हम पहली बार सत्ता में आए तो अर्थव्यवस्था बेहद बुरी हालत में थी।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया- गोयल
गोयल ने कहा कि सत्ता में आने के बाद हमने सुधार के कई काम किए और अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाया। अगर उस समय इन सरकारी उपक्रमों का विनिवेश किया जाता तो इसकी सही कीमत नहीं मिल पाती।
सोने की खान बन सकती है एयर इंडिया
इसी दौरान एयर इंडिया के विनिवेश को लेकर उन्होंने कहा कि अगर मैं मंत्री नहीं होता तो मैं एयर इंडिया के लिए बोली लगा रहा होता। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की बाइलैटरल सर्विस अग्रीमेंट बहुत अच्छी है। अगर इसमें नए एयरक्रॉफ्ट को शामिल किया जाता है और मैनेजमेंट को ज्यादा कुशल बनाया जाए तो यह सोने की खान की तरह है।
क्या होता है एयर बाइलैटरल सर्विस अग्रीमेंट?
जानकारी के लिए बता दें कि बाइलैटरल एयर सर्विस में दो देशों के बीच एक समझौता होतै है, जिसके अंतर्गत दोनों देश एक दूसरे की एयरलाइन्स को निश्चित सीट संख्या के साथ उड़ान की इजाजत देते हैं।