छत्तीसगढ़

धान रकबे में कटौती के सरकारी आदेश पर हंगामा,गर्भगृह में घुसे सदस्य निलंबित

रायपुर
धान का रकबा कम करने के सरकारी निर्देश पर गुरूवार को विधानसभा में जमकर शोर-शराबा हुआ। भाजपा सदस्यों के काम रोको प्रस्ताव पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सफाई दी कि  रकबे में अनावश्यक कटौती के कोई निर्देश कलेक्टरों को नहीं दिए गए हैं। विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और तुरंत चर्चा कराने की मांग करने लगे।

शोर-शराबे और हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर भी नोंक-झोंक जारी रही। विपक्षी सदस्य गर्भगृह में चले गए और स्वयमेव सदन की कार्रवाई से निलंबित हो गए। प्रश्नकाल के बाद भाजपा सदस्यों ने मामला उठाया। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और अन्य विपक्षी सदस्यों ने काम रोको प्रस्ताव की सूचना दी।  सभी जिला कलेक्टरों को धान का रकबा काटने का राज्य शासन के उच्चाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया है। इसके चलते सभी जिलों में बैठकें हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को एफआईआर कराने की धमकी दे रही है। यह स्वीकार्य नहीं है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह गंभीर मामला है। किसानों के हित से जुड़े इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए।

खाद्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि रकबे में अनावश्यक कटौती करने के कोई निर्देश जिला कलेक्टरों को नहीं दिया गया है। रकबा संशोधन निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 27 लाख 23 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत है। एक लाख 62 हजार रकबे में बढ़ोत्तरी हुई है। श्री भगत ने कहा कि जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और डीएफओ को सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान रोकने के निर्देश शासन को दिए हैं। मंत्री के जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और काम रोको प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा के लिए जोर देने लगे।

पहले सदन की कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्रवाई होने पर शोर-शराबा जारी रहा और हंगामे के बीच भाजपा सदस्य सदन के गर्भगृह में घुस गए। जनता कांग्रेस और बसपा ने भी साथ दिया। सभी सदस्य सदन की कार्रवाई से निलंबित हो गए। बाद में वे गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे वहां पहुंचे और उन्हें भरोसा दिलाया कि किसी तरह रकबे में कटौती नहीं की जाएगी। इसके बाद धरना खत्म हुआ और अध्यक्ष ने उनका निलंबन वापस ले लिया।

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