नई दिल्ली
बाइस साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में खुले देश के पहले मल्टीप्लेक्स सिनेमा पीवीआर अनुपम की शुरुआत बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की फिल्म 'यस बॉस' से हुई थी। वही शाहरुख खान इस सिनेमाघर पर गुरुवार को ताला लगा रहे थे। बताया जा रहा है कि इस सिनेमाघर को अब नया रूप दिया जाएगा। देश में मनोरंजन कारोबार के क्षेत्र में एक नया दौर शुरू करने वाले इस मल्टीप्लेक्स की स्टार अभिनेता शाहरुख से जुड़ी यादों को ताजा करने के लिए कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय बिजली ने इसको अस्थायी रूप से बंद किए जाने को एक समारोह का रूप दे दिया और 'यस बास' के नायक को इसके लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया।
इस मौके पर शाहरुख खान ने कहा कि उनकी पत्नी (गौरी खान) उन दिनों पंचशील में रहा करती थीं तो वह अक्सर साकेत के इलाके में आते थे। तब से उनकी यादें अनुपम सिनेमा से जुड़ी हैं। बाद में यह पीवीआर बन गया। इस सिनेमाघर की शुरुआत उनकी फिल्म से हुई और अब वह इसके नवीनीकरण से पहले इसे बंद करने पहुंचे हैं। दिल्ली के साकेत स्थित पीवीआर अनुपम को 1997 में 'प्रिया एक्जिबिटर्स ने ऑस्ट्रेलिया की 'विलेज रोडशो' कंपनी के साथ संयुक्त उपक्रम के तौर पर शुरू किया था। इसमें देश में पहली बार एक ही सिनेमाघर में चार पर्दों पर फिल्म प्रदर्शन किया गया और इस तरह देश में मल्टीप्लेक्स की शुरुआत हुई।
अजय बिजली ने इस समारोह में इस सिनेमाघर से जुड़ी कुछ यादों को साझा करते हुए कहा , '' उस समय विलेज रोडशो सिर्फ अंग्रेजी फिल्में ही दिखाया करती थी। तो पीवीआर अनुपम में भी वही नियम लागू किए हुए थी । लेकिन 1997 में शाहरुख खान की फिल्म ' यस बॉस का अंग्रेजी नाम इस नियम को भंग करने वाला साबित हुआ। विलेज रोडशो संभवत: नाम के भ्रम में पड़ कर इसके प्रदर्शन को तैयार हो गयी। शाहरुख की ख्याति के साथ ' यस बॉस इस पीवीआर में जोरदार कमाई की और इसके साथ ही आस्ट्रेलियायी कंपनी ने अपना नियम बदल दिया।
उन्होंने कहा कि जब पीवीआर अनुपम शुरू हुआ था तो टिकट का दाम क्या रखा जाए इसे लेकर बहुत विचार विमर्श हुआ। उस समय आम सिनेमाघरों का टिकट 30 से 35 रुपये होता था लेकिन हमने इसका टिकट 75 रुपये रखा। उस समय ग्राहकों ने पूछा कि क्या यह चारों सिनेमा हॉल का टिकट है तो ग्राहकों को यह समझाने में काफी वक्त लगा कि एक फिल्म के टिकट का यह दाम है।
इस मौके पर खान ने कहा कि उनकी पत्नी (गौरी खान) उन दिनों पंचशील में रहा करती थीं तो वह अक्सर साकेत के इलाके में आते थे। तब से उनकी यादें अनुपम सिनेमा से जुड़ी हैं। बाद में यह पीवीआर बन गया। इस सिनेमाघर की शुरुआत उनकी फिल्म से हुई और अब वह इसके नवीनीकरण से पहले इसे बंद करने पहुंचे हैं। पीवीआर अनुपम में आखिरी फिल्म ' बटला हाउस और ' मिशन मंगल का प्रदर्शन किया गया था।