दिल की बीमारी सुनकर डर जरूर लगता है लेकिन सही लाइफस्टाइल और वक्त रहते टेस्ट कराने से इस बीमारी से काफी हद तक बचाव मुमकिन है। दिल की बीमारी के 10 बड़े कारण और उनका समाधान के बारे में यहां जानें…
1. स्मोकिंग
स्मोकिंग से दिल की बीमारी की 50 फीसदी तक आशंका बढ़ जाती है और इसे छोड़ना ही बचाव का एकमात्र उपाय है। स्मोकिंग छोड़ने पर 2 साल के अंदर रिस्क किसी भी नॉर्मल शख्स जितना रह जाता है।
2. कॉलेस्ट्रॉल
गुड कॉलेस्ट्रोल (HDL) कम होने या बैड कॉलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ने या दोनों होने से रिस्क 40-50 फीसदी तक बढ़ जाता है। अगर डायट में 40-50 फीसदी या ज्यादा फैट लेते हैं तो वह डायटरी कॉलेस्ट्रॉल सीरम यानी ब्लड कॉलेस्ट्रॉल में बदल सकता है। ऐसे में अपनी डायट में कार्ब और फैट कम करें। डायट का करीब 20-30 फीसदी कार्ब से, 20-30 फीसदी फैट से और 50-60 फीसदी हिस्सा प्रोटीन से लें। इससे शरीर में फालतू फैट और कॉलेस्ट्रॉल जमा नहीं होगा। टोटल कॉलेस्ट्रॉल 200 से कम और LDL (बैड कॉलेस्ट्रॉल) 130 से कम रखने की कोशिश करें।
3. डायबीटीज
शुगर के मरीजों को दिल की बीमारी का खतरा 30-40 फीसदी तक ज्यादा होता है। डायबीटीज के मरीजों को डॉक्टर की सलाह से SGLT 2 ड्रग्स लेनी चाहिए। ये दवाएं शुगर के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा 30 फीसदी तक कम करती हैं। वजन भी कम करती हैं और शुगर को कंट्रोल में रखती हैं।
4. मोटापा
मोटापे से दिल की बीमारी की आशंका 30-40 फीसदी तक बढ़ जाती है। अपना वजन और बीएमआई कंट्रोल में रखें। बीएमआई 25 से ज्यादा और कमर का घेरा पुरुषों में 40 इंच (102 सेंमी) से ज्यादा और महिलाओं में 35 इंच (88 सेंमी) से ज्यादा न हो। वजन ज्यादा हो तो सबसे पहले उसे कम करें।
5. ब्लड प्रेशर
ब्लड प्रेशर 130/80 या इससे कम रखने की कोशिश करें। डाइट में ज्यादा-से-ज्यादा फल-सब्जियां शामिल करें। रेग्युलर एक्सरसाइज करें। खासकर मेडिटेशन और प्राणायाम जरूर करें। प्राणायाम में शीतली प्राणायाम और उज्जायी प्राणायाम को जरूर शामिल करें। ये मन को शांत रखते हैं और बीपी को मेंटेन करते हैं।
6. फैमिली हिस्ट्री
अगर फैमिली हिस्ट्री है तो 25 साल की उम्र से ही ब्लड प्रेशर और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं। अगर समस्या लगती है तो डॉक्टर ईसीजी और इको कराने के लिए कहते हैं। साथ ही, बेहतर लाइफस्टाइल अपनाएं।
7. एक्सर्साइज न करना
दिल की बीमारी से बचने के लिए रोजाना कम-से-कम आधा घंटा कार्डियो एक्सरसाइज करें। कार्डियो एक्सरसाइज में तेज वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस आदि शामिल हैं। इसके अलावा 5 मिनट डीप ब्रिदिंग, 10 मिनट अनुलोम-विलोम और 5 मिनट शीतली प्राणायाम करें।
8. तनाव
रोजाना 10-15 मिनट मेडिटेशन, डीप ब्रिदिंग (गहरी सांस) और प्राणायाम करें। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, कपालभाति, उज्जायी और भ्रामरी प्राणायाम को शामिल करें। उज्जायी प्राणायाम ब्लड प्रेशर, नींद न आने और माइग्रेन में भी फायदेमंद है। लेकिन जिन्हें दिल की बीमारी हो चुकी है, वे इसे न करें। भ्रामरी प्राणायाम गुस्सा और बेचैनी कम करता है। जिन लोगों को नाक या कान का इंफेक्शन है, वे इसे न करें। कोई हॉबी पूरी करें और बच्चों के साथ खेलें।
9. फल-सब्जियां कम
रोजाना कम-से-कम 5 सर्विंग अलग-अलग रंग के फल और सब्जियां खाएं। सर्विंग मोटे तौर पर एक मीडियम साइज का सेब-संतरा या छोटी कटोरी के बराबर होता है। इनमें से दो सर्विंग हरी पत्तेदार सब्जियों या ऑरेंज, पीले फलों और सब्जियों की होनी चाहिए।
10. ज्यादा शराब पीना
पुरुष रोजाना 60 मिली (करीब 2 पैग) और महिलाएं 30 मिली (करीब 1 पैग) से ज्यादा न पिएं। इससे ज्यादा पीना दिल के लिए हानिकारक है।
ये भी जरूरी
– रोजाना 7-8 घंटे की भरपूर नींद लें।
– रोजाना 1-2 अखरोट और 8-10 बादाम खाएं। • निरोगी दिल के लिए फ्लैक्स सीड्स (अलसी) और सूरजमुखी के बीज रोजाना 1 चम्मच जरूर खाएं।