नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2020) के नतीजों के साथ ही कांग्रेस पार्टी में घमासान शुरू हो चुका है. चुनाव में शून्य पर सिमटने वाली कांग्रेस के इस खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा दे दिया है तो अब बड़े नेताओं में भी खराब परफॉर्मेंस को लेकर गुस्सा दिखाई दे रहा है. एक के बाद एक नेता पार्टी की हार पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. ऐसे में ताजा बयान आया है कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का.
कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दिल्ली का परिणाम बहुत निराशाजनक है. लिहाजा पार्टी में नई सोच और नई कार्यप्रणाली की बहुत सख्त जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनावों के बाद कई राज्यों में ना सिर्फ शानदार प्रदर्शन किया है बल्कि सरकार भी बनायी है. आपको बता दें कि इसके पूर्व पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी करारी हार पर आलाकमान सहित राज्य इकाई के नेताओं पर बड़े सवाल खड़े कर चुकी हैं.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में उस वक्त एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने कथित तौर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं. बाद में चाको ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी तरह से शीला दीक्षित को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, बल्कि सिर्फ यह तथ्य रख रहे थे कि पार्टी का प्रदर्शन कैसे धीरे-धीरे खराब होता चला गया और कांग्रेस का वोट आप की तरफ चला गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने चाको की कथित टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि चुनावी हार के लिए दिवंगत शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है.
हालांकि कांग्रेस ने इन बयानबाजियों पर शांत रहने के लिए इशारा किया है. इन नेताओं की बयानबाजी पर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, 'हम कांग्रेस की तरफ से कहना चाहते हैं कि कांग्रेस के कुछ नेता जिस तरह से अनुशासन की मर्यादा लांघकर एक दूसरे आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं वो अवांछित और अस्वीकार्य है.