ढाई महीने में मॉब लिंचिंग से बिहार में गई 14 लोगों की जान, 45 घायल

 पटना 
बिहार में ढाई महीने के दौरान मॉब लिंचिंग में 14 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जबकि 45 घायल हुए हैं। मॉब लिंचिंग की 39 घटनाएं इस दौरान दर्ज की गईं। पुलिस के मुताबिक इन घटनाओं में 348 नामजद और 4000 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि मॉब लिंचिंग के दौरान जो भी व्यक्ति भीड़ का हिस्सा होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।  

एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र कुमार और एडीजी सीआईडी विनय कुमार ने पुलिस मुख्यालय में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। भीड़ में शामिल वैसे तमाम शख्स जो वीडियो फुटेज में आते हैं या फिर उनकी मौजूदगी की जानकारी मिलती है, उनपर कार्रवाई होगी। किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जुलाई से अबतक मॉबलिंचिंग की 39 घटनाओं में 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो फुटेज की मदद से भी मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। 

ऑडियो के जरिए जागरूकता फैलाएगी पुलिस
मॉबलिंचिंग (भीड़ हिंसा) की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस जागरूकता फैला रही है। पर अब ऑडियो क्लिप और पोस्टर का भी सहारा लिया जाएगा। तीन  मिनट के ऑडियो में लोगों को बताया जाएगा कि यह एक दंडनीय अपराध है, इससे बचें। ऑडियो के जरिए यह भी बताया जाएगा कि मॉब लिंचिंग में शामिल होने पर गुंडा रजिस्ट्रर में नाम दर्ज होगा, जिससे किसी भी शख्स का कैरियर बर्बाद हो सकता है। इसका प्रसारण रेडियो पर होगा। वहीं, एसपी अपने इलाके में बैनर-पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करेंगे। 

पुलिस मुख्यालय कर रहा समीक्षा
मॉबलिंचिंग की घटनाओं को लेकर दर्ज मामलों की समीक्षा पुलिस मुख्यालय के स्तर से की जा रही है। इसका मकसद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है। पुलिस ने लोगों से अपील की कि वह अफवाहों से बचें। अधिकतर घटनाएं बच्चा चोरी की अफवाह में हुईं। एडीजी जितेन्द्र कुमार ने कहा कि मॉबलिंचिंग के मामले में जल्द जांच पूरी कर चार्जशीट दायर होगी और स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा।

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