बेंगलुरु
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर राहत भरी खबर है। देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की एक्टिविटी जनवरी में करीब 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। यह बात एक मंथली सर्वे में कही गई है। सर्वे में कहा गया है कि डिमांड कंडीशंस बेहतर होने से नए बिजनेस ऑर्डर्स में तेज उछाल आया है। इसकी वजह से प्रॉडक्शन और हायरिंग एक्टिविटीज बढ़ी हैं।
अगर मौजूदा स्थिति बरकरार रहती है तो आने वाले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार दिखने लगेगा। बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास की रफ्तार छह साल में सबसे धीमी थी। मांग बढ़ने के कारण जनवरी के महीने में कारोबार, उत्पादन, निर्यात और रोजगार के मौके बढ़े हैं। इस दौरान बिजनस सेंटिमेंट में मजबूती आई है हालांकि इस दौरान इनपुट कॉस्ट और आउटपुट चार्ज में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। IHS मार्केट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI दिसंबर में 52.7 के मुकाबले जनवरी में बढ़कर 55.3 तक पहुंच गया है, यह 8 सालों में सबसे ज्यादा है।
IHS मार्केट के प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियेना डि लीमा ने बताया, 'जनवरी में भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में मजबूती लगातार बनी हुई है। पिछले 8 सालों में उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।' लगातार 30 वें महीने में मैन्युफैक्चरिंग PMI 50 पॉइंट के ऊपर है।
PMI में 50 अंक से ऊपर का मतलब विस्तार से होता है जबकि इससे कम अंक अर्थव्यवस्था पर दबाव को दर्शाता है। मांग बढ़ने और कारण नए बिजनस में भी तेजी देखने को मिली है। नवंबर 2018 की तुलना के बाद एक्पोर्ट में भारी बढ़ोतरी के कारण बिक्री बढ़ी है।