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ट्रैफिक चालान में आई 70 फीसदी की कमी, लोगों में जुर्माने का खौफ

 नई दिल्ली
1 सितंबर से मोटर वीइकल ऐक्ट लागू होने के बाद से दिल्ली में ट्रैफिक चालान की संख्या में कमी आई है। यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के कारण जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी हुई है जिससे पिछले महीने तक 16,788 प्रतिदिन औसतन कटे चालान की तुलना में अब यह संख्या 4,813 ही रह गई है। ऐक्ट लागू होने से पहले कमर्शल वाहनों पर सबसे ज्यादा चालान जारी किए जाते थे। वाहन मालिकों और ड्राइवर की सतर्कता के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में चेकिंग की वजह से यह अब काफी कम हो गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में कमर्शल वाहनों के मालिकों अपने डॉक्युमेंट्स को अपडेट करने में भी लगे हुए हैं।
 
नियम तोड़ने वालों में सबसे ज्यादा बाइक सवार
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक पिछले हफ्ते नियमों को तोड़ने वालों में 40 फीसदी दो पहिया वाहन सवार, 25 फीसदी कार ड्राइवर्स रहे जबकि बाकी बचे 35 प्रतिशत संख्या में में कमर्शल वाहन और ऑटो रिक्शा वाले रहे।

पिछले एक हफ्ते के दौरान 50 फीसदी से अधिक कोर्ट चालान दूसरों की जिंदगी खतरे में डालकर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ठोके गए। एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया, 'हमने पाया कि तीन में से एक कार ड्राइवर के पास पर्याप्त डॉक्युमेंट्स नहीं थे। हमने उनका लाइसेंस जब्त करके उन्हें कोर्ट चालान जारी किया।'
 
एसएमएस से पता चलेगा, कितना है जुर्माना
पिछले साल चालान से करीब 105.99 करोड़ रुपये जमा हुए थे। अधिकारी के मुतबिक कंपाउंडेबल चालान का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यह संख्या 5 से 7 गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। अब तक यह कोर्ट के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है कि वह ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को क्या सजा या उस पर कितना जुर्माना ठोकता है।

एक बार कोर्ट यह चालान फिक्स कर देता है तो इसे इस साल जुलाई में बनाए गए ई-कोर्ट सुविधा के द्वारा भी भरा जा सकता है। पुलिस ने बताया कि एक बार यह फिक्स हो जाता है तो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज नंबर पर एक एसएमएस भेजा जाएगा जिसमें उसे कितना जुर्माना भरना है यह लिखा होगा।
 

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