भागलपुर
भागलपुर ट्रिपल आईटी के तीसरे सत्र के छात्रों ने कैमरे से डिप्रेशन का पता लगाने का दावा किया है। इसके लिए छात्रों ने फेशियल सॉफ्टवेयर विकसित किया है। जो ऑन स्पॉट छात्रों के हावभाव की भी जानकारी देगा। इस सॉफ्टवेयर को अब कैमरे से जोड़ने की तैयारी है। उम्मीद की जा रही है कि तीन माह में यह कैमरा कैंपस में काम करने लगेगा। इससे न सिर्फ चेहरे की रीडिंग (पढ़ना) होगी। बल्कि एक ही भाव रखने वाले छात्रों की सूचना भी कॉलेज को मिलेगी। सॉफ्टवेयर विकसित कर चुके छात्र नीतीश ने कहा कि हैकेथॉन प्रतियोगिता के दौरान काफी हद तक सॉफ्टवेयर विकसित हो चुका है। दो से तीन माह में कैंपस में यह कैमरा चालू हो जाएगा। यह कैमरा कैंपस में रहने वाले उन छात्रों के लिए वरदान होगा जो लगातार डिप्रेशन (अवसाद) से ग्रसित हैं। ऐसे छात्रों की पहचान कर कॉलेज काउंसिलिंग करा सकता है। अभिभावक को इसकी सूचना दी जा सकती है। इससे आत्महत्या जैसे मामले कम होंगे। सॉफ्टवेयर विकसित करने में नीतीश के साथ-साथ श्रेयस, देवानंद, इंतख्वाब, संतोष और मनीष भी शामिल थे।
ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर के प्रयोग से कैंपस के छात्रों को काफी मदद मिलेगी। साथ ही कैंपस को भी यह समझने का मौका मिलेगा कि उनका छात्र किस तरह का व्यवहार कर रहा है। इस कैमरे का प्रयोग कैंपस से लेकर हॉस्टल तक में फायदेमंद रहेगा। शनिवार को कैंपस में डीआईजी सुजीत कुमार को भी शिक्षकों और छात्रों ने इस तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने भी कहा कि इसका उपयोग सिक्योरिटी सर्विलांस में किया जा सकता है।
चेहरा, समय और हावभाव बताएगा
नीतीश ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए चेहरा, समय और हावभाव का पता रियल टाइम में लग जाएगा। इसका उपयोग कई जगहों पर किया जा सकता है। साथ ही अपराधियों के हावभाव से उसके मोटिव (सोच) के बारे में भी यह बता पायेगा।