अयोध्या
ट्रस्ट गठन की घोषणा के बाद अयोध्या विवाद के हिन्दू पक्षकारों, प्रमुख धर्माचार्यों और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े लोगों ने कहा कि अब मंदिर निर्माण में देरी नहीं होनी चाहिए। जल्द काम शुरू किया जाना चाहिए।
रामजन्मभूमि विवाद के पक्षकार एवं निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि ट्रस्ट की घोषणा हर दृष्टि से स्वागत योग्य है। उच्चतम न्यायालय ने विवाद का समाधान कर दिया है, इसलिए जितना जल्दी हो मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि पर भव्य व दिव्य मंदिर का निर्माण होने के साथ ही रामराज्य का मार्ग प्रशस्त होगा।
नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने भी ट्रस्ट का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज को ट्रस्ट का अध्यक्ष नामित किया जाना चाहिए। उन्होंने ट्रस्ट में वैष्णवों के तीनों अखाड़ों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को भी सदस्य बनाने की वकालत की।
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि केन्द्र सरकार का प्रयास सराहनीय है। अब शीघ्र ही ट्रस्ट के न्यासियों के नाम भी तय कर दिए जाने चाहिए जिससे कि शीघ्रता से मंदिर निर्माण की कार्यवाही शुरू हो सके। मंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले दानदाताओं की कमी नहीं है।
निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास ने कहा कि प्रभु कृपा से सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है। रामलला के अभिन्न मित्र त्रिलोकी नाथ पाण्डेय ने भी निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि न्यासियों का स्वागत गाय के घी के दीपक जलाकर करेंगे। मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष ही ट्रस्ट के भी अध्यक्ष होंगे। दिगम्बर अखाड़ा महंत सुरेश दास ने भी न्यास अध्यक्ष को नवगठित ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाने की पैरवी की। बिन्दुगद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने भी स्वागत करते हुए न्यास अध्यक्ष को ही उपयुक्त बताया।