नई दिल्ली
टेलीकॉम मोबाइल कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. स्पेक्ट्रम और लाइसेंस फीस के रूप में कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपये अदा करने होंगे. कोर्ट ने AGR (Adjusted Gross Revenue) की केंद्र सरकार की परिभाषा को मंजूरी दी. इस परिभाषा के मुताबिक टेलीकॉम कंपिनयों पर 92 हजार करोड़ की देनदारी बनती है. हालांकि कंपनियों की ओर से बकाया देने के लिए कम से कम छह महीने का वक्त दिए जाने की मांग की गई है पर अभी तक कोर्ट की तरफ से कोई समयसीमा तय नहीं गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की सरकारी परिभाषा को सही कहा. कंपनियों का कहना था- AGR में सिर्फ लाइसेंस फीस-स्पेक्ट्रम चार्ज आते हैं. सरकार रेंट, डिविडेंड, संपत्ति बेचने से लाभ जैसी कई चीजों को भी शामिल बता रही थी.