राजनीति

 झारखंड में हार से बीजेपी को लेना चाहिए सबक: केसी त्यागी

 
नई दिल्ली 

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने झारखंड चुनाव में हार के लिए सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को ही जिम्मेदार ठहराया है. जेडीयू ने साफ कहा कि रघुवर सरकार की आदिवासियों के खिलाफ नीति और राज्य में गठबंधन न करना हार की मुख्य वजह है.

जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि इस हार से बीजेपी को सबक लेना चाहिए. यह बीजेपी की लगातार पांचवीं हार है. त्यागी ने याद दिलाया कि एक आदिवासी राज्य में जिसका जन्म आदिवासियों की पहचान और उनकी उत्थान के लिए हुआ था, वहां बीजेपी ने एक गैर आदिवासी को सीएम बनाकर बड़ी भूल की. उससे ज्यादा छोटा नागपुर टेनेसी एक्ट में बदलाव कर बीजेपी ने भारी भूल की है.
केसी त्यागी ने कहा कि रघुवर दास लगातार सुपर सीएम की तरह व्यवहार करने लगे थे. अपनी राजनीति विरोधियों को वे दुशमन समझने लगे थे. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक जेडीयू नेता ने कहा कि रघुवर दास सरयू राय जैसे नेताओं को अपना पसर्नल दुश्मन मान बैठे.

क्या बिहार चुनाव पर पड़ेगा झारखंड के नतीजों का असर?
यह पूछे जाने पर कि क्या झारखंड चुनाव परिणाम का असर आगे आने वाले बिहार चुनाव पर पड़ेगा. त्यागी ने साफ कहा कि बिहार में नीतीश की सरकार है और अच्छा काम कर रही है. यहां बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के संबंध मधुर हैं. नीतीश कुमार एक मजबूत नेता हैं. उनका बीजेपी नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध है. उन्होंने कहा कि झारखंड में हार से ये सबक लिया जा सकता है कि एनडीए को मजबूत किया जाए और गठबंधन के नेताओं का सम्मान किया जाए.

एनडीए के अस्तित्व पर उठने लगे सवाल
केसी त्यागी ने कहा कि पहले महाराष्ट्र और फिर झारखंड, इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद एनडीए के अस्तित्व पर ही सवाल उठना शुरू हो गया है. महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम के बाद एनडीए अपनी सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना को खो बैठी है. झारखंड चुनाव से पहले आजसू ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर एनडीए से नाता तोड़ लिया. लोजपा और जेडीयू झारखंड में पहले से ही एनडीए गठबंधन से बाहर हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या एनडीए में चीजें बदतर होने लगी हैं.

बीजेपी के कामों पर उठ रहे हैं सवाल
उन्होंने कहा कि जेडीयू और अकाली दल लगातार एनडीए में समन्वय और संवाद हीनता का सवाल उठाती रही है. छह साल बीत जाने के बाबजूद इस मुद्दे पर बीजेपी ने ध्यान नहीं दिया है. सवाल बीजेपी के हाईकमान के काम करने के तरीके को लेकर भी उठ रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जेडीयू सवाल खड़े कर चुकी है. जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि एनआरसी को बिहार में लागू करने का सवाल ही नहीं उठता.

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