झाबुआ
झाबुआ विधानसभा उपचुनाव (Jhabua Assembly By-Election) की मतगणना शुरू हो गयी है.सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हुई. इस बार 511 डाक मतपत्र जारी हुए थे,इनमें से 502 प्राप्त हुए हैं. इनकी गणना हो रही है.मतगणना झाबुआ के पॉलिटेक्निक कॉलेज (Polytechnic College) में हो रही है. इसके लिए रेंडमाइजेशन के तहत 65 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है. यही नहीं, सीसीटीवी कैमरे और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ (CISF) और पुलिसकर्मियों तैनात हैं. इसके अलावा 648 अधिकारी कर्मचारी मतगणना स्थल पर मौजूद हैं.
स्ट्रांग रूम में गोपनीयता बरतने के लिए कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई है. मतगणना शुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम के वोटों की गिनती 14 टेबल पर एक साथ शुरू होगी. झाबुआ विधानसभा सीट के नतीजे 26 राउंड में आएंगे.
झाबुआ के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने दावा किया है कि कमलनाथ सरकार की आदिवासी योजनाएं पार्टी को जीत दिलाने का काम करेंगी. जबकि भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि झाबुआ पर उसका कब्जा बरकरार रहेगा. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा है कि झाबुआ में पार्टी प्रत्याशी भानू भूरिया को जीत मिलेगी.
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रांत भूरिया को बीजेपी के उम्मीदवार जीएस डामोर ने दस हजार वोटों से शिकस्त दी थी. जबकि इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को झाबुआ रतलाम लोकसभा सीट पर 90 हजार वोटों से हार के बावजूद झाबुआ विधानसभा सीट पर 7 हजार 298 वोटों की बढ़त हासिल हुई थी. यही कारण है कि जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद खाली हुई झाबुआ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत के लिए पार्टी के सीनियर लीडर कांतिलाल भूरिया पर ही दांव खेला है. जबकि बीजेपी ने इस बारह युवा चेहरे भानू भूरिया को मैदान में उतारा है. हालांकि दोनों दलों की ओर से इस बार जितना दम झाबुआ में जीत के लिए लगाया है. उसके बाद ये सीट दोनों दल के लिए टफ हो गई है, लेकिन कल घोषित होने वाले नतीजों के बाद ये साफ हो जाएगी कि झाबुआ में किसका जलवा चला और किसकों जनता ने नकारा.