वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के समय सुसाइड केस के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। विश्व भर के शीर्ष 20 देशों में, जहां पर लोग अपनी जान देने के लिए उतारू हैं, उसमें भारत भी शुमार है
कोरोना काल में ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार हुए। ये दावा एक रिपोर्ट में किया गया। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि डिप्रेशन क्या होता है और ये कैसे किसी को सुसाइड करने के लिए मजबूर कर सकता है। गौरतलब है कि 10 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘वल्र्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे’ यानी कि ‘आत्महत्या रोकथाम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
आसान शब्दों में बात की जाए तो ये एक ऐसा दिन है, जिस दिन दुनिया में बढ़ते सुसाइड केसेज को किस तरह से रोका जाए, इसे लेकर क्या किया जाए और क्या आवश्यक कदम उठाए जाएं, इसी सोच विचार के लिए एक दिन निश्चित किया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के समय सुसाइड केस के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। यहां तक कि वर्ष 2018 में आई एक रिपोर्ट में भारत में खुदकुशी किस तरह से महामारी का रूप ले रही है, इसका भी जिक्र किया गया। विश्व भर के शीर्ष 20 देशों में, जहां पर लोग अपनी जान देने के लिए उतारू हैं, उसमें भारत भी शुमार था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 40 सेकंड में एक शख्स आत्महत्या कर रहा है। कोरोना काल की बात की जाए तो कई लोगों की नौकरी गई, तो कई जहां थे वहीं फंस गए, तो कुछ अपने परिवार के साथ समय बिताकर काफी खुश हैं। इस दौरान कई लोगों को अकेलापन या फिर नौकरी हाथ से जाने ने डिप्रेशन की ओर ढकेल दिया। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि डिप्रेशन क्या होता है और ये कैसे किसी को सुसाइड करने के लिए मजबूर कर सकता है।
क्या होता है डिप्रेशन
किसी भी इंसान का दुख, पीड़ा या फिर बुरा महसूस करना लंबे समय तक अमूमन डिप्रेशन कहलाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में बीमारियों का सबसे बड़ा कारण डिप्रेशन ही है। खास बात ये है कि डिप्रेशन का शिकार सिर्फ वयस्क ही नहीं, बल्कि कम उम्र के बच्चे भी हैं।
डिप्रेशन के लक्षण
हमेशा उदास रहना
अकेले बैठने का मन करना
खुदकुशी का ख्याल बार-बार आना
रोशनी से चिढऩा, अंधेरे में बैठने का मन करना
जिन कामों को करने में आनंद आता था, उनमें रुचि खत्म होना
मन शांत न रहना, हमेशा बेचैनी बने रहना
दिमाग का कम चलना
समझ में न आना क्या सही है और क्या गलत
खुद को बेकार समझना यानि कि दूसरों की तुलना में खुद को कुछ नहीं समझना
फैसला लेने में दिक्कत आना
डिप्रेशन से बचाव के तरीके
डिप्रेशन किसी भी इंसान को अंधेरे में धकेल देता है। ऐसे में अगर आप किसी भी व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण को देख रहे हैं, तो उसका समाधान तुरंत करना बहुत जरूरी होता है। ऐसा नहीं होने पर वो व्यक्ति दुनिया के लिए तो जिंदा रहेगा, लेकिन अंदर ही अंदर हर दिन वो खत्म हो रहा होता है। कई बार ध्यान ना देने पर व्यक्ति अपनी जान तक ले लेता है। यानी कि आत्महत्या का कदम उठाते समय एक बार भी नहीं सोचता। इसलिए आप इन उपायों को अपनाकर डिप्रेशन से पीडि़त व्यक्ति की मदद करके उसे दोबारा जिंदगी की लय में लौटा सकते हैं।
तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें
डिप्रेशन से पीडि़त व्यक्ति को कभी भी अकेला न छोड़ें।
परिवार और दोस्तों का साथ, कभी भी आपको अकेलापन महसूस नहीं होने देगा।
आसपास खुशनुमा माहौल बनाना
हमेशा किसी न किसी काम में पीडि़त को व्यस्त रखना