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जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने 33 राजनीतिक बंदियों को हॉस्‍टल में शिफ्ट किया

श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर में सर्दियां बढ़ने के बीच 5 अगस्त से सेंटूर होटल में बंद 33 राजनीतिक बंदियों को रविवार को एलएलए अतिथिगृह भेज दिया। प्रशासन ने कहा कि होटल में हीटिंग के लिए पर्याप्त बंदोबस्त नहीं है, जबकि विधायक अतिथिगृह में यह सुविधा है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। जिन नेताओं को स्‍थानांतरित किया गया है, उनमें पूर्व मंत्री सज्‍जाद लोन, पीडीपी के पूर्व मंत्री नईम अख्‍तर, पूर्व आईएएस शाह फैसल शामिल हैं।

अधिकारियों ने कहा कि सर्दी की वजह से नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं और जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा उनकी सुरक्षा में लगे जवानों की सेहत पर असर पड़ रहा था। बताया जा रहा है कि होटल से हटाए जाने के दौरान कुछ बंदियों ने इसका विरोध भी किया। हालांकि प्रशासन ने उनकी एक न सुनी और उन्‍हें विधायक अतिथिगृह भेज दिया गया। डल झील के किनारे स्थित होटल में 5 अगस्त को इन नेताओं को रखा गया था।

इसी दिन केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने तथा राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था। बता दें कि श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में सर्द हवाएं चल रही हैं। इस महीने की शुरूआत में मौसम की पहली बर्फबारी भी हुई थी। नवनिर्मित केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन शीतकाल के लिए श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित हो गया है।

होटल ने प्रशासन को भेजा 3 करोड़ रुपये का बिल
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को जाबेरवान रेंज की पहाड़ियों पर स्थित एक पर्यटक हट से शहर में एक सरकारी स्थान पर भेजा गया। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भारतीय पर्यटन विकास निगम के स्वामित्व वाले सेंटूर होटल ने इन लोगों के 100 दिन के आवास और अन्य खर्च का करीब 3 करोड़ रुपये का बिल गृह विभाग को भेजा है।

हालांकि प्रशासन ने सेंटूर होटल के बिल को खारिज करते हुए दलील दी है कि होटल को 5 अगस्त को एक सहायक अस्थाई जेल बनाया गया था और इसलिए सरकारी दरों पर भुगतान किया जाएगा।

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