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जम्‍मू-कश्मीर में पराक्रम दिखा रही दो बच्चों की मां

श्रीनगर
आमतौर पर यह देखा जाता है कि महिलाएं मां बनने के बाद नौकरी छोड़ देती हैं। हालांकि, हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रसूलपुर गांव की सुनीता कुमारी ने इस धारणा को अच्छे से खारिज किया है। सुनीता इन दिनों कश्मीर में सुरक्षाबलों का हेलिकॉप्टर उड़ा रही हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा विदेश में ट्रेनिंग भी ली है।
दो बच्चों की मां सुनीता जम्मू-कश्मीर में छह सीटर पवन हंस हेलिकॉप्टर की पायलट हैं। इस हेलिकॉप्टर में वह सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों के साथ-साथ मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान आम नागरिकों की भी मदद करती हैं। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से ही सुनीता जम्मू-कश्मीर में काम कर रही हैं।

शादी के 10 साल बाद ली पायलट ट्रेनिंग
अपने बारे में सुनीता कहती हैं, 'दो दशक पहले में स्कूल में साइंस की टीचर थी। शादी के 10 साल बाद भी मैंने पायलट ट्रेनिंग लेने का फैसला लिया और भारत में ही नौकरी ढूंढी। अब मैं देश के सबसे बेहतर हेलिकॉप्टर सेवा के लिए काम करती हूं और फिलहाल कश्मीर घाटी में सक्रिय हूं।'

सुनीता मानती हैं कि कश्मीर घाटी में हेलिकॉप्टर उड़ाना चुनौती का काम है लेकिन वह कहती हैं कि जब माउंट एवरेस्ट पर हेलिकॉप्टर उतर सकता है तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। वह कहती हैं, 'मैं अपने जीवन में कठिन काम करना चाहती हूं। मैं हरियाणा की लड़कियों और महिलाओं को प्रेरित करना चाहती हूं। किसी भी महिला को किसी भी नौकरी में खुद को असहाय महसूस नहीं करना चाहिए।'

कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में उड़ाया हेलिकॉप्टर
सुनीता जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, हंदवाड़ा और बारामुला जैसे संवेदनशील इलाकों में भी लैंड कर चुकी है। इसके अलावा वह कोकरनाग, अनंतनाग, बालटाल और पहलगाम से भी लोगों को ले आ और जा चुकी हैं। फिलहाल वह डबल इंजन वाले हेलिकॉप्टर को सहयोगी पायलट के साथ उड़ाती हैं लेकिन उनका कहना है कि जल्द ही वह अकेले भी उड़ान भरने लगेंगी।

सुनीता आगे कहती हैं कि पिछले दो महीने में उन्होंने अपने परिवार को बहुत याद किया है। वह कहती हैं, 'मुझे खुशी है कि मैं उस पिता की बेटी हूं, जिसने एलओसी पर काफी दिन तक काम किया। मैं भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चली और मेरी बेटियां भी उसी रास्ते पर हैं।'

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