नई दिल्ली
चीन के बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि हम इससे अलग हैं। भारत इसे प्रॉजेक्ट को लेकर अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। बता दें कि चीन के बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट के तहत बन रहा चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। पीओके आधिकारिक तौर पर भारत का हिस्सा है और उससे इस कॉरिडोर के गुजरने पर भारत को सख्त आपत्ति है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम पड़ोसी देशों के साथ विकास में साझीदारी चाहते हैं।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर उन्होंने कहा कि संविधान में यह अस्थायी तौर पर था। वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम के इंडिया समिट में उन्होंने कहा कि कश्मीर पूरी तरह से द्विपक्षीय मसला है और इस पर किसी भी तरह की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। पूर्व में डिप्लोमैट रहे एस. जयशंकर ने पड़ोसी देशों को लेकर पूछे गए सवाल पर कूटनीतिक जवाब देते हुए कहा, 'दुनिया प्रतिस्पर्धी है। सभी कि अपनी प्राथमिकताएं हैं। दुनिया आपके प्रभाव और क्षमता के साथ चलती है।'
एस. जयशंकर ने कहा कि हमारी क्षमता है कि हम अन्य देशों को प्रभावित कर सकें। यदि हम अपने पड़ोसियों को ही प्रभावित न कर सकें तो फिर दूसरे देशों को नहीं कर सकते। हालांकि यह काम ताकत से नहीं बल्कि सामंजस्य से किया जा सकता है।
भारत की नीति को राष्ट्रवादी करार देते हुए जयशंकर ने कहा, 'भारत एक अपवाद है क्योंकि हम ज्यादा राष्ट्रवादी हैं। हालांकि दुनिया से संपर्क को लेकर हमारे बीच राष्ट्रवाद और अंतरराष्ट्रीय को लेकर कोई विवाद नहीं है। इसलिए राष्ट्रवाद गलत चीज नहीं है।' बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट को लेकर एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने संप्रभुता को लेकर इस पर पहले ही अपनी राय स्पष्ट की है। हम इससे अलग हैं। हम अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेंगे।