लखीसराय
जम्मू कश्मीर के एलओसी बॉर्डर के खेरू में ड्यूटी के दौरान 17 फरवरी को शहीद हुए सूबेदार राम रतन यादव का शव गुरुवार को पैतृक गांव माणिकपुर थाना क्षेत्र के भवनीपुत पहुंचा।
पैतृक गांव में शहीद का शव पहुंचते ही उनका दीदार करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। गुरुवार को शहीद का शव सूर्यगढ़ा बाजार से घर पर पहुंचने में लगभग तीन घंटे से ज्यादा का समय लग गया। शव के साथ मौजूद लोग देश भक्ति के नारे भी लगा रहे थे। घटना को लेकर लोगो में आक्रोश के साथ शहीद के प्रति सम्मान था।
लोगों के द्वारा शहादत पर प्रतिक्रिया भी व्यक्त की जा रही थी और घुसपैठ पर रोक लगाने के साथ ही एलओसी पर मुक्कमल व्यवस्था की मांग भी की गई। शहीद जम्मू कश्मीर में छह कुमायूं रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर ड्यूटी निभा रहे थे। 17 फरवरी को आतंकवादी हमले में राम रतन कुमार शहीद हो गए थे।
नहीं पहुंचे एक भी जिला प्रशासन से कोई अधिकारी
शहीद जवान राम रतन कुमार के उनके पैतृक आवास भवानीपुर पहुंचने के बाद जिले के एक भी प्रशासनिक पदाधिकारी नहीं पहुंचे। प्रशासनिक पदाधिकारियों का शहीद के घर या फिर शव यात्रा में शामिल ना होना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा। इसको लेकर सूर्यगढ़ा के राजद विधायक प्रहलाद यादव ने गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसे पदाधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक ओर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं और दूसरी तरफ चार दिनों से मामले की जानकारी होने के बावजूद प्रशासनिक पदाधिकारियों का यहां ना पहुंचना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दौरान विधायक ने शहीद के नाम पर एक द्वार बनाने की घोषणा की। साथ ही शहीद के परिवार को हर संभव सहायता दिलाने की भी उन्होंने बात कही है।