बिजनौर
उत्तर प्रदेश के बिजनौर की सीजेएम (CJM) कोर्ट में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब वहां सुनवाई के दौरान तीन युवकों ने पुलिस हिरासत में आए एक हत्यारोपी को गोलियों से भून डाला. गोली चलते ही कोर्ट रूम में भगदड़ मच गई और इस दौरान कोर्ट मोहर्रिर को भी गोली लग गई. तीनों आरोपियों ने भागने की कोशिश नहीं की और पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.
कोर्ट में सुनवाई कर रहे सीजेएम तुरंत वहां से निकल कर बाहर चले गए. जिस मुजरिम को युवकों ने निशाना बनाकर फायरिंग की, उसकी पहचान शाहनवाज के रूप में हुई है. जिस पर हत्या समेत कई मामले चल रहे थे. पुलिस मंगलवार को उसे दिल्ली से पेशी के लिए बिजनौर की सीजेएम कोर्ट लाई थी.
घटना के बाद तीनों हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जबकि घायल कोर्ट मोहर्रिर मनीष को उपचार के लिए मेरठ रैफर कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि मौके से पकड़ा गया आरोपी नाबालिग है. जो बिजनौर के दिवंगत बसपा नेता हाजी एहसान का बेटा है. उसने अपने पिता की हत्या की बदला लेने के लिए अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
इस घटना के बाद कोर्ट में मौजूद सभी लोगों को जान बचा कर भागना पड़ा. गंभीर हालात देखते हुए कोर्ट परिसर को सील कर दिया गया है. पूरे इलाके में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई.
बता दें कि इसी साल 28 मई को बिजनौर के नजीबाबाद कस्बे में बहुजन समाज पार्टी के नेता हाजी एहसान और उनके भांजे शादाब की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. वारदात को अंजाम देकर बदमाश मौके से फरार हो गए थे. वारदात के वक्त हाजी हसन अपने ऑफिस में एक धार्मिक ग्रंथ पढ़ रहे थे. तभी दो बदमाश मिठाई का डिब्बा लेकर उनके ऑफिस में घुसे और उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं.
घटना के बाद दोनों को फौरन अस्पताल ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. हाजी एहसान बसपा के नजीबाबाद विधानसभा के प्रभारी थे. नजीबाबाद में उनका प्रॉपर्टी का काम भी था. वहीं पर उनका ऑफिस भी था. डबल मर्डर की इस वारदात से शहर में हड़कंप मच गया था