भोपाल
सरकारी एवं अनुदान प्राप्त निजी कॉलेजों में एससी-एसटी के छात्रों की उपस्थिति जानने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य की जा रही है। इस व्यवस्था में छात्रों को कॉलेज में 75 फीसदी उपस्थिति दर्ज करानी होगी, तभी उन्हें छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल पाएगा।
भोपाल सहित प्रदेशभर के सरकारी अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों में अब नए सत्र से शिकंजा कसने वाला है। अब इस नए बदलाव में जुलाई से शुरू हो रहे सेशन में एससी-एसटी के छात्रों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक इसी के आधार पर अब छात्रों को स्कॉलरशिप पाने के लिए 75 फीसदी की उपस्थिति दर्ज करानी होगी। दरअसल,यह व्यवस्था स्कॉलरशिप फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए की जा रही है। मालूम हो कि अभी तक कॉलेजों में व्यापक पैमाने नर छात्रवृति का बंदरबाट किया जा रहा था। अब इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से इसमें विराम लगेगा।
गौरतलब है कि भोपाल जिला सहित प्रदेश के अन्य कॉलेजों में छात्रवृत्ति को लेकर व्यापक अनियमिताएं बरती गर्इं। उच्च शिक्षा की मानें तो सरकारी एवं अनुदान प्राप्त निजी कॉलेजों की संख्या प्रदेशभर में 14 सौ के करीब है। इन कॉलेजों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस न होने के चलते छात्र महज एग्जाम देने ही आते थे। इतना ही कुछ निजी कॉलेज तो स्कॉलरशिप के नाम पर ही एससी-एसटी छात्रों को एडमीशन देते थे,लेकिन अब इस नई व्यवस्था के लागू हो जाने पर छात्रवृत्ति के फर्जीवाडेÞ में अंकुश लग सकेगा।