रायपुर
छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विशेष पहल की जा रही है। सामान्य शौचालय के इस्तेमाल में उनकी परेशानियों को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब घरों में विशेष शौचालय बनाए जाएंगे। अलग-अलग तरह के दिव्यांगों के लिए इसकी डिजाइन और सुविधाएं अलग-अलग तरह की होंगी। छत्तीसगढ़ दिव्यांगों के लिए इस तरह की संवेदनशील पहल करने वाला देश का पहला राज्य है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल्दी ही प्रदेश के 10 जिलों में इस तरह के शौचालयों का निर्माण शुरू होगा। इसके अंतर्गत करीब 1,200 शौचालय बनाए जाएंगे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अभियंताओं और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के मैदानी अमले ने आज विषय विशेषज्ञों एवं आर्किटेक्टों के साथ दिनभर इसकी डिजाइन एवं सुविधाओं पर मंथन किया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आज दिव्यांगों हेतु पहुंचयुक्त शौचालय निर्माण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में दिव्यांगों की व्यवहारिक दिक्कतों की पहचान कर उनके लिए सुगम शौचालय बनाने की तकनीक और विधियों पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यशाला में आर्किटेक्टों ने नेत्रबाधित, हाथों, पैरों या अन्य तरीकों से दिव्यांगों के लिए उनकी जरूरत के मुताबिक अलग-अलग शौचालयों के निर्माण की बारिकियों की जानकारी दी। उनकी सहूलियत के हिसाब से उपयुक्त नल फिटिंग, फ्लोर फिनिशिंग, डोर फिटिंग, शीट फिटिंग और वेंटीलेशन के बारे में बताया। दिव्यांगों के लिए घरेलू और सामुदायिक शौचालयों में विशेष सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। शौचालय निर्माण के काम में लगे अमले को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में स्वच्छ भारत मिशन द्वारा दिव्यांगों के लिए आठ अलग-अलग तरह के शौचालयों का मॉडल भी बनाया जाएगा।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल ने कहा कि रोजमर्रा के जीवन में दिव्यांगों की समस्याओं को समझने की जरूरत है। उनका जीवन सरल और सहज हो सके, इसके लिए हमे संवेदनशीलता से काम करना है। घरों में उनके लिए इस तरह के सुगम शौचालय के निर्माण से उनका जीवन आसान हो सकेगा। स्वच्छ भारत मिशन के संचालक श्री अनुराग पाण्डेय ने शौचालय के उपयोग में दिव्यांगों की व्यवहारिक परेशानियों को समझने के लिए कार्यशाला में प्रतिभागियों से कुछ अभ्यास भी करवाए। उन्होंने अधिकारियों को शौचालय निर्माण में आज कार्यशाला में दी गई जानकारी का उपयोग करने कहा। पायलट परियोजना के रूप में प्रदेश के 10 जिलों बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, कांकेर और दुर्ग के चयनित ग्राम पंचायतों में दिव्यांगों के लिए विशेष घरेलू शौचालय बनाए जाएंगे।
कार्यशाला में वाटरएड के लीड कंसल्टेंट श्री समीर घोष, सलाहकार सुश्री कृपाली बिदाए तथा आर्किटेक्ट श्री सौरभ मालपानी एवं सुश्री पारूल कुमठा ने प्रतिभागियों को दिव्यांगों के लिए विशेष शौचालय के आवश्यक पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संचालक श्री एस.के. जायसवाल, राज्य जल एवं स्वच्छता प्रकोष्ठ की वरिष्ठ समन्वयक श्रीमती अभिलाषा आनंद, स्वच्छ भारत मिशन के राज्य सलाहकार श्री पुरुषोत्तम पंडा तथा वाटरएड के श्री अनुराग गुप्ता भी उपस्थित थे।