कोरबा
छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री व कोरबा के रामपुर विधानसभा से विधायक ननकीराम कंवर ने वन विभाग के अधिकारियों पर विधानसभा को गुमराह करने का आरोप लगाया है. मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना) की मजदूरी भुगतान और प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में कटौती को लेकर ननकी राम कंवर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खत लिखा है.
पीएम नरेन्द्र मोदी को लिखे खत में ननकीराम कंवर ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. ननकीराम कंवर ने लिखा है कि उनके द्वारा वन विभाग में मजदूरी भुगतान नहीं होने को लेकर शासन को कई बार पत्र लिखा गया. विधानसभा के बजट सत्र में उन्होंने वन विभाग में मनरेगा की मजदूरी का भुगतान नहीं होने को लेकर प्रश्न किया. वन विभाग के अधिकारियों ने कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर विधानसभा में जानकारी दी और मजदूरी का भुगतान कर देना बताया. वन विभाग ने जिस व्यक्ति को भुगतान होना बताया वह व्यक्ति संबंधित गांव में रहता ही नहीं.
1 साल बाद भी भुगतान नहीं
ननकीराम ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि जिले के करतला ब्लॉक के ग्राम केरवा गांव में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का कार्य कराया गया है, इस कार्य के मजदूरों की मजदूरी का भुगतान 1 साल बाद भी नहीं किया गया है. शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन अब तक मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है. ननकीराम कंवर ने पीएम को लिखे पत्र में बताया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले हजार रुपए प्रथम किस्त में दिए जाते थे जिसे वर्तमान सरकार ने घटाकर २५ हजार रुपए कर दिया है,मनरेगा के मजदूरों की लंबित मजदूरी का भुगतान करने और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किस्त की राशि पूर्ववत 35 हजार रुपये रखने के लिए राज्य के मुख्य सचिव को निर्देशित करने की मांग प्रधानमंत्री से की है.