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चीन में 10 भारतीय फंसे, स्वदेश लौटे सब सेफ

नई दिल्ली
करॉना वायरस का संक्रमण झेल रहे चीन से भारत ने अपने नागरिकों को निकालने के अभियान को लगभग पूरा कर लिया है। हालांकि अभी भी 10 भारतीय नागरिक चीन में फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से निकाले जाने की पूरी कोशिश की जा रही है। विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार (6 फरवरी) को जारी बयान में कहा गया है कि भारत ने करॉना वायरस से प्रभावित चीन से 645 भारतीयों को निकाला है और जटिल अभियान को बीजिंग की मदद से चलाया गया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इन भारतीयों के अलावा, 10 अन्य भारतीयों ने संकेत दिया कि वे चीन से वापस आने चाहते हैं। रवीश कुमार ने कहा, 'हम उनके साथ लगातार संपर्क में हैं और उनकी वापसी के लिए सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि करॉना वायरस के प्रकोप के कारण चीनी से आने वाले लोगों को जारी सामान्य वीज़ा और सभी वर्तमान ई वीज़ा को स्थगित कर दिया गया है। चीन से निकाले गए सभी 645 भारतीयों की जांच भी पूरी कर ली गई है, गनीमत है कि इनमें से किसी में भी करॉना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया है।

करॉना की पहली बार पहचान करने वाले डॉक्टर की मौत
चीन में करॉना वायरस के संक्रमण के बारे में चेतावनी देने वाले आठ विसल ब्लोअर में एक चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग की गुरुवार को इस महामारी में मौत हो गई। हालांकि, वेनलियांग ने महामारी की जानकारी जब दी थी तब पुलिस ने उनका उत्पीड़न किया था। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि 34 वर्षीय वेनलियांग ने अन्य डॉक्टरों को महामारी के बारे में चेतावनी देने की कोशिश की थी और उनकी गुरुवार को वुहान में करॉना वायरस की वजह से मौत हो गई।

वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में वुहान में करॉना वायरस के सामने आने की जानकारी दी थी। वेनलियांग ने अपने चिकित्सा महाविद्यालय के साथियों को चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर बताया था कि स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सार्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षण में साफ हुआ है कि यह विषाणु करॉना वायरस समूह का है।

इसी समूह के सिवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (सार्स) विषाणु भी है जिसकी वजह से 2003 में चीन एवं पुरी दुनिया में 800 लोगों की मौत हुई थी। वेनलियांग ने अपने दोस्तों को कहा कि वे अपने परिजनों को निजी तौर पर इससे सतर्क रहने को कहें। हालांकि, यह संदेश कुछ घंटे में ही वायरल हो गया और पुलिस ने उन्हें अफवाह फैलाने वाला करार देकर प्रताड़ित किया था।

200 नए मरीज आए सामने
वुहान इंटरनेशनल कन्वेंशन और प्रदर्शनी केंद्र को बदलकर अस्पताल में तब्दील किया गया है। नए करॉना वायरस निमोनिया के करीब 200 मरीजों को इसमें भर्ती करवाया गया। इसके अलावा होंगशान स्टेडियम और वुहान लिविंग रूम (सांस्कृतिक केंद्र) को भी अस्पताल में बदलने के लिए काम शुरू किया गया है। इन अस्पतालों में कुल 4400 से ज्यादा बेड लगाए गए हैं यानी वुहान इंटरनेशनल कन्वेंशन और प्रदर्शनी केंद्र में 1600, होंगशान स्टेडियम में 800 और वुहान लिविंग रूम में 2000 बेड लगाए गए हैं।

वुहान ने 3 फरवरी की रात से 13 जगहों को अस्पताल में बदलने की कोशिश शुरू की है। ये अस्पताल सेना की चलित चिकित्सा प्रणाली का एक भाग है, जिसका विभिन्न आपातकालीन उपचार के लिए व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

28000 लोगों पर हो चुका है करॉना का अटैक
चीन के वुहान शहर से फैले करॉना वायरस ने दुनियाभर में अब तक 28,200 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। बीजिंग में बृहस्पतिवार को जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक करॉना वायरस से मरने वालों की संख्या 563 तक पहुंच गई है जबकि अकेले चीन की मुख्य भूमि पर 28,018 लोगों के इस विषाणु से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

इसके अलावा हांगकांग में एक व्यक्ति की मौत सहित कुल 22 मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक मकाऊ में 10 मामले सामने आए हैं और इस विषाणु से सबसे अधिक मौतें चीन के मध्य प्रांत हुबेई में हुई है जहां पर दिसंबर में सबसे पहले इस विषाणु से इंसानों में संक्रमण का खुलासा हुआ था।

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