नई दिल्ली
एक तरफ जहां भारत-चीन के बीच रिश्ते बेहतर हो रहे हैं, वहीं चीन की सेना ने LAC (लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल) के पास सैनिकों की ट्रेनिंग में भारी इजाफा किया है। आर्मी सूत्रों के मुताबिक डोकलाम विवाद के बाद वहां चीनी सेना ने ऐसी ट्रेनिंग शुरू की, जो पहले कभी नहीं हुई। 2018 में सिर्फ ईस्टर्न सेक्टर में ही ट्रेनिंग के करीब 400 सेशन हुए, वहीं इस साल अप्रैल तक ट्रेनिंग के करीब 470 सेशन हुए।
मार्शल आर्ट से लेकर ग्रेनेड फेंकने तक की ट्रेनिंग
आर्मी सूत्रों के मुताबिक, पहले LAC के पास कभी भी चीनी सेना की इस तरह ट्रेनिंग नहीं देखी गई। मगर 2017 में हुए डोकलाम विवाद के बाद चीन की सेना ने न सिर्फ कड़ी ट्रेनिंग शुरू की, बल्कि जो इसमें विफल रहे उन सैनिकों को सजा भी दी गई। सजा के तौर पर उन्हें वहां से वापस भेजा गया।
सूत्रों के मुताबिक, LAC पर ट्रेनिंग के संबंध में चीनी सेना की तरफ से एक निर्देश 1 जनवरी 2018 को जारी किया गया। इसके बाद वहां सैनिकों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी गई। चीनी सैनिकों ने वहां पहले कभी फायरिंग की प्रैक्टिस नहीं की थी, लेकिन इसके बाद नियमित तौर पर फायरिंग से लेकर ग्रेनेड फेंकने तक की ट्रेनिंग दी गई। साथ ही दूसरी फिजिकल ट्रेनिंग भी लगातार की जाने लगी।
डोकलाम के बाद माइंड गेम
आर्मी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, यह ट्रेनिंग उन इलाकों में ज्यादा की गई जहां दोनों देश के सैनिक एक-दूसरे को आमने-सामने देख सकते हैं। इससे साफ है कि यह माइंड गेम का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों की ट्रेनिंग हमेशा ही मजबूत पक्ष रहा है। डोकलाम विवाद के बाद भारत की ताकत का एहसास होने के बाद चीन की तरफ से यह दिखाने की कोशिश की गई कि वह भी ट्रेनिंग पर जोर दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस साल अप्रैल तक चीनी सैनिक यह ट्रेनिंग लगातार करते रहे, हालांकि उसके बाद इसमें कुछ कमी देखी गई है।