चार साल में उत्तराखंड के सिर्फ दो फीसदी युवा ही पा सके रोजगार

 हल्द्वानी 
उत्तराखंड में रोजगार की हालत बद से बदतर हो चुकी है। नौबत यह है कि बीते चार साल में सेवायोजन कार्यालय में दर्ज करीब साढ़े सात लाख बेरोजगारों में सिर्फ 2.24 फीसदी ही नौकरी पा सके हैं। इसमें भी बीते साल जिसे राज्य सरकार ने रोजगार वर्ष के तौर पर मनाया, उसमें ही रोजगार की सबसे अधिक दुर्गति हुई और महज 0.17 फीसदी लोग ही रोजगार पा सके।

बढ़ते पलायन को रोकने के मंथनों के बीच ऐसे हालात काफी चिंतित करने वाले हैं। बेरोजगारों का लेखाजोखा रखने वाले सेवायोजन विभाग के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। चार साल के विभागीय आंकड़ों पर नजर डालें तो 2016 से दिसम्बर 2019 तक करीब 438 रोजगार मेले पूरे राज्य में हुए। इसमें 74523 के आसपास बेरोजगार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इसमें करीब 17,249 ही रोजगार पा सके। इन चार सालों में वर्ष 2017-18 में सबसे अधिक 7489 युवाओं को रोजगार मेले के माध्यम से नौकरी मिली। जबकि पिछले साल अप्रैल से दिसम्बर तक सबसे कम 1309 को रोजगार मिल सका। 

केंद्र के बजट से बेरोजगार युवाओं को आस
शनिवार से केंद्र सरकार का बजट सत्र शुरू हो रहा है। केंद्र का हो या राज्य सरकार का बजट आता देखकर बेरोजगार युवाओं में उम्मीदों की किरण जग जाती है। ऐसा ही फिर दिख रहा है। केंद्र के इस बजट से राज्य के करीब 7.50 लाख बेरोजगारों की आस जग गई है। वित्त मंत्री की पोटली से बेरोजगारों के लिए क्या तोहफा निकलता है यह देखने वाली बात होगी।  

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