नई दिल्ली
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से हर मुमकिन कोशिश की जा रही है कि विक्रम लैंडर से उसका संपर्क जुड़ जाए. चंद्रमा पर निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग से ऐन पहले विक्रम लैंडर का मिशन कंट्रोल से संपर्क टूट गया था. हालांकि पिछले दो दिन के घटनाक्रम को लेकर ISRO की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (NASA) के डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) का ओपन प्लेटफॉर्म दिखा रहा है कि किस तरह अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में स्थित NASA की वेधशालाएं (observatories) चंद्रयान-2 के लैंडर और ऑर्बिटर से संचार कायम करने की कोशिश कर रही हैं.
DSN का प्रबंधन कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (CalTech) की जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री (JPL) की ओर से किया जाता है. DSN की ओर से वेधशाला और स्पेसक्राफ्ट के बीच लाइव अप-लिंक और डाउन-लिंक दिखाया जा रहा है.
तारीख- 11 सितंबर
जगह- गोल्डस्टोन ऑब्ज़र्वेटरी, यूएसए
वक्त- दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक
DSN ने पहले कैलिफोर्निया के निकट मोजावे रेगिस्तान में स्थित गोल्डस्टोन ऑब्ज़र्वेटरी और चंद्रयान के ऑर्बिटर और लैंडर से संपर्क की कोशिशों को दिखाया. नेटवर्क की ओर से ऑर्बिटर को कूट नाम ‘CH2O’ और लैंडर को ‘CH2L’ दिया गया है. प्रारंभिक चरण दिखाता है कि ऑब्ज़र्वेटरी और विक्रम लैंडर के बीच अप-लिंक संचार की कोशिश की गई.