नई दिल्ली
डीडीए एक ऐसी नई पॉलिसी ला रहा है, जिसका मकसद गाड़ियों के कम से कम इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। डीडीए की ट्रांजिट ऑरिएंटेड डिवेलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी के तहत लोगों को एक ही परिसर में रिहायशी और कमर्शल गतिविधियों की सुविधा मिलेगी। एक ही परिसर में ऑफिस, घर, पार्क से लेकर ट्रांसपोर्ट की सुविधा होगी। साथ ही स्कूल, कॉलेज सहित अन्य सुविधाएं भी यहां मिल सकेंगी। डीडीए बोर्ड मीटिंग में मंजूरी मिलने के बाद अब 5 ट्रांजिट कॉरिडोर बनने का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह कॉरिडोर मेट्रो स्टेशनों के आसपास बनने हैं। इनमें मुकुंदपुर, रोहिणी सेक्टर-18, द्वारका सेक्टर-21, मयूर विहार एक्सटेंशन और सरोजिनी नगर (आईएनए के साथ) शामिल हैं। दरअसल इस पॉलिसी के लिए मेट्रो स्टेशन के 500 से 800 मीटर के करीब कम से कम एक हेक्टेयर जमीन होना जरूरी है। यहां 300 से 500 तक एफएआर स्वीकृत होगा। इसमें रिहायश के लिए 30 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 15 पर्सेंट एफएआर होना जरूरी है। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यहां लैंड यूज और ट्रांसपोर्ट दोनों को ध्यान में रखकर प्लानिंग की जाएगी। लोगों को अपनी रोज की जरूरतों के लिए पैदल चलने का रास्ता मिलेगा।
इसका एक दूसरा फायदा यह होगा कि हाउजिंग की सुविधा बढ़ेगी और एक इनकम वर्ग के लोगों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। लोगों को शॉपिंग, पार्क के साथ अस्पताल, प्ले ग्राउंड के अलावा रोड, पार्किंग, पानी, सीवरेज आदि की सुविधा मिलेगी। इस इलाके में वेयरहाउस, पट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशन, श्मशान और पार्किंग के लिए जगह नहीं होगी। कॉरिडोर में साइकल, फीडर बस, ड्राफ फेसिलिटी, पार्क ऐंड राइड आदि की सुविधा रहेगी। यह इस तरह डिजाइन होगी कि इसमें पैदल और बिना मोटर की गाड़ियों के लिए डिजाइन किया जाएगा। उनकी स्पीड महज 12 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। अधिकतम लिमिट 20 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी। इसमें स्ट्रीट वेंडर के लिए भी जगह निर्धारित होगी। इसके अलावा यहां पर सीसीटीवी, पैनिक बटन आदि भी यहां होंगे। साथ ही इस जोन में पार्किंग कम होगी और महंगी होगी। ट्रांजिट स्टेशन पर महज 100 मीटर में पार्किंग होगी।