छत्तीसगढ़

गांधी विचार पदयात्रा खोरपा सहित आसपास के ग्रामीणों ने किया आत्मीय स्वागत : मोहन मरकाम

रायपुर
राष्टपिता महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के अवसर पर 4 अक्टूबर को कण्डेल, धमतरी जिले से प्रारंभ गांधी विचार यात्रा के पांचवे दिन अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम खोरपा में सभा का आयोजन हुआ। इस दौरान खोरपा सहित आसपास के ग्रामीणों ने पदयात्रियों का आत्मीय स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी जी के विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गांधी विचार पदयात्रा का आगाज किया गया है। पदयात्रा सत्य, अहिंसा, स्वावलंबन, करूणा के विचार पर है। इसका समापन 10 अक्टूबर को गांधी मैदान रायपुर में होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संरक्षण और वरिष्ठ विधायक मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रदेश भर से जनप्रतिनिधि और गांधी जी के विचारधारा को मानने वाले पदयात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हो रहे है। पदयात्रा के आज की सभा को संबोधित करते हुए मोहन मरकाम ने कहा कि हमारी सरकार राष्टपिता महात्मा गांधी के विचारधारा पर चल रही है और गांधी जी के विचारधारा जन-जन को जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का नहीं। मरकाम ने कहा कि गांधी जी के विचार में सभी धर्मों को सम्मान प्रदान करता है। उन्होंने मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी है हम वतन है हिन्दुस्तां हमारा को आत्मसात करने आम लोंगो से अपील की। मरकाम ने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में गांधी विचार पदयात्रा कर रहे है। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के जरीए छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को सहेजने के साथ गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता के विकेन्द्रीकरण का सपना महात्मा गांधी जी का था, भूपेश बघेल की सरकार ने गांव को समृद्ध करने और स्वावलंबन स्थापित करने की दिशा में सामाजिक समरसता के साथ सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार गुरू बाबा घासीदास, कबीरदास और हमारे पुरखों ने समृद्ध और विकसित गांव का जो सपना देखा था, उसे पूरा करने का काम रही है। उन्होंने लोगों को गांधी जी के विचारधारा को अपनाकर सामाजिक और आर्थिक विकास करने पर बल दिया।

कार्यक्रम को विधायक धनेन्द्र साहू ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में महात्मा गांधी जी एक ऐसा व्यक्ति है जिन्हें राष्टपिता, महात्मा के उपाधि से नवाजा गया है। दुनिया में सौ से भी अधिक ऐसे देश है जहां महात्मा गांधी की मूर्ति स्थापित कर उनके विचारधारा कर आत्मसात कर रहे है। तत्कालीन समय में गांधी जी के एक आव्हान पर लोग मर मिटने के लिए तैयार रहते थे। कहा जाता था सूर्यास्त न होने वाली अंग्रेजी हुकुमत को बिना अस्त्र-शस्त्र के अहिंसात्मक रूप से देश से खदेड़ दिया। साहू ने कहा कि आजादी के बाद हर जनता के तरक्की और विकास के लिए कानून बनाकर लागू किया गया। हमारी सरकार गांधी जी की विचारधारा पर चल रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और देश के प्रति गांधी जी के अवदान और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। गांधी जी के ग्राम स्वराज और स्वावलंबन के सपने को साकार करने किसानों को मजबूत करने, गांवों को समृद्ध करने, किसानों को कर्ज माफ किया, साथ ही धान का मूल्य 2500 रूपए देने का निर्णय लिया।

कार्यक्रम में टिकेन्द्र बघेल, श्रीमती अंबिका मरकाम, खोरपा की सरपंच श्रीमती उमा देवी, नारायण कुर्रे, गिरीश देवांगन, महेन्द्र छाबड़ा, प्रवीण साहू, यशवंत साहू, बबलू त्रिवेन्द्र, विनोद वर्मा, धमेन्द्र यादव, सलीम रिजवी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, विद्वजन और ग्रामीण उपस्थित थे।

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