छत्तीसगढ़

गांधी जयंती पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में गोडसे पर बवाल, लगे नारे

रायपुर
महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल सरकार द्वारा यादगार बनाने के लिए प्रदेश भर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. बापू की जयंती को खास बनाने के लिए विधानसभा (Assembly) का दो दिवसीय विशेष सत्र भी आयोजित किया जा रहा है. सत्र का पहला दिन महात्मा गांधी के लिए समर्पित रहा. सत्र के पहले दिन बुधवार को विधानसभा परिसर में ही ​भजन-कीर्तन के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.

छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) के विशेष सत्र का पहला दिन वैसे तो पूरी तरह महात्मा गांधी के लिए समर्पित था, लेकिन सदन में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) के सदस्यों ने इसे गांधी वर्सेस गोडसे का रूप देने की कोशिश भी की. आलम ये रहा कि सदन में ही जिंदाबाद और मुर्दाबाद के नारे भी लगे. गांधी जिंदाबाद के नारों से तो सदन में कोई आपत्ति नहीं हुई, लेकिन गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगने के बाद सियासत गर्म हो गई. आरोप और प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो गया.

दरअसल सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने सदन में कहा- दो विचारधाराएं देश में थीं, एक का प्रतिनिधित्व गांधी जी करते थे और दूसरे का प्रतिनिधित्व नाथूराम गोडसे. गांधी जी की जय-जयकार होती है तो गोडसे के विचारधारा की भर्त्सना भी होनी चाहिए. गोडसे का 'मुर्दाबाद' होना चाहिए. यहीं से सदन में चर्चा का रुख गांधी वर्सेस गोडसे की ओर हो गया. सदन में चर्चाओं का दौर शुरू हुआ इसी बीच भिलाई नगर से कांग्रेस के युवा विधायक देवेन्द्र यादव ने गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगा दिए. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद देवेन्द्र ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बीजेपी गांधी जी जिंदाबाद के नारे तो लगाती है, लेकिन उनके हत्यारे को मुर्दाबाद कहने पर चुप्पी साध लेती है, ये बीजेपी का दोहरा चरित्र है.

गोडसे को लेकर कांग्रेस के मुर्दाबाद के नारे को पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे जोगी कांग्रेस का भी साथ मिला. जोगी कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि 'गांधी जी की हत्या करने वाले की विचारधारा का समर्थन नहीं किया जा सकता. उनके विचारों का खंडन किया जाना ही चाहिए.' मामले में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मं​त्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 'आज की चर्चा गांधी जी को लेकर थी. इसलिए बात सिर्फ गांधी जी की होनी चाहिए थी. जब गोडसे पर चर्चा करनी होगी तो उनपर भी अपना पक्ष रख देंगे.'

गांधी और गोडसे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच तीखी तकरार हुई. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा- 'नाथूराम गोडसे को मुर्दाबाद कहना गाली देने के बराबर है. गांधीजी कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं बताते थे. राज्य सरकार हमें आखिर किस ओर ले जा रही है.' इसके बाद पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने सीधे तौर पर सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा. डॉ. रमन ने कहा- 'विधानसभा को मुर्दाबाद के नारे लगाने की जगह बनाना चाहते हैं, भूपेश बघेल की यही मानसिकता है. उन्हें इससे ही संतुष्टि मिलती है.' बीजेपी नेताओं के आरोप के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि 'लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है. गोडसे को लेकर बीजेपी के रूख पर उन्हें फिर से विचार करना चाहिए.'

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