भोपाल
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की है। कमलनाथ ने राज्यपाल को एक पत्र सौंपकर आरोप लगाया कि बीजेपी विधायकों की खरीद फरोख्त कर रही है। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह 'बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को मुक्त कराएं।' राज्यपाल से मिलने के बाद कमलनाथ विक्ट्री साइन भी बनाया।
कमनाथ ने कहा, 'मध्य प्रदेश में बीजेपी अनैतिक और अवैध काम कर रही है। बीजेपी ने अपने पहले प्रयास में 3 और 4 मार्च को आधी रात में ड्रामा किया और विधायकों को ले गई। बीजेपी के जबरन और लालच देकर विधायकों को अपने कब्जे में रखने के इस प्रयास को कांग्रेस पार्टी ने असफल कर दिया।' उन्होंने कहा कि पहली बार असफल रहने के बाद बीजेपी ने 8 मार्च को तीन चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम किया और कांग्रेस पार्टी के 19 विधायकों को लेकर बेंगलुरु गई।'
विधायकों को मुक्त कराएं राज्यपाल: कमलनाथ
उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने स्पीकर के आवास पर होली के दिन मुलाकात की और उन्हें कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा सौंपा। इस दौरान 19 में से कोई भी इस्तीफा देने वाला विधायक स्पीकर के पास मौजूद नहीं था। कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी नेताओं की यह पूरी साजिश अवैध है। सीएम ने राज्यपाल से अपील की कि वह 'बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को मुक्त कराएं।'
क्या करना चाहते हैं सीएम कमलनाथ
दरअसल, सरकार बचाने के लिए कमलनाथ चाहते हैं कि बागी विधायक किसी तरह सदन के भीतर पहुंचे। इसीलिए राज्यपाल से कहा है कि 16 या उसके बाद शक्ति परीक्षण के लिए वह तैयार हैं। विधानसभा सत्र 16 से शुरू हो रहा है। इस बीच स्पीकर ने बागियों को नोटिस जारी कर खुद उपस्थित रहने को कहा है. यानी इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। कमलनाथ कुनबे को उम्मीद है कि एक बार सदन के भीतर आने पर कुछ खेल हो सकता है। पांच- छह बीजेपी विधायक भी कमलनाथ के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने बागियों को भेजा नोटिस
इस बीच मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस पार्टी के बागी विधायकों को नोटिस भेजकर आज मिलने बुलाया है। इन विधायकों से यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है या दबाव में आकर। स्पीकर ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब बीजेपी ने मांग की है कि कमलनाथ सरकार सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में विश्वासमत हासिल करे।
उधर, कांग्रेस का कहना है कि वह 22 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला होने के बाद वह विश्वासमत के लिए तैयार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बताया कि स्पीकर ने इस्तीफा देने वाले छह मंत्रियों सहित 22 विधायकों को नोटिस जारी किए हैं। उनका कहना था कि ये विधायक अपने इस्तीफे देने के लिए विधानसभा स्पीकर से क्यों नहीं मिल रहे।
बहुमत परीक्षण की मांग करेंगे: बीजेपी
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार को कांग्रेस छोड़ने और 22 विधायकों के इस्तीफे से 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार बड़ी मुश्किल का सामना कर रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया, 'राज्य सरकार के अल्पमत में होने के कारण हम राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर से 16 मार्च को बहुमत परीक्षण की मांग करेंगे।'