भोपाल
रेत खनन को लेकर भिंड में गैंगवार के चलते एक एक मौत पर प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने अजीब बयान दिया है. वर्चस्व की लड़ाई को लेकर हुए गैंगवार पर खनिज मंत्री ने कहा है कि भिंड और ग्वालियर में गोली चलना आम बात है. वहां खनन और दूसरे मामलों को लेकर अक्सर गोलियां चल जाती हैं. हालांकि इस मामले को न्यूज़ 18 द्वारा उठाने के बाद खनिज मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि उनके कहना का मतलब था बीजेपी के 15 साल के शासन में खनन माफिया पनपा है.
सरकार कर रही है ये काम
खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि अब सरकार नई नीति को लागू कर अवैध खनन को रोकने की तैयारी में है. नई नीति के पूरी तरह से अमल में आने तक अवैध खनन को रोकने के लिए होमगार्ड के जवानों के साथ राज्य सुरक्षा बल को तैनात करने की तैयारी है.
खनिज मंत्री ने रेत खदान समेत गिट्टी क्रशर को लेकर कैबिनेट मंत्री इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर के बीच के विवाद पर कहा है कि इस विवाद को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में किसी भी खदान को बंद नहीं किया जाएगा और मंत्रियों के विवाद पर स्थानीय कलेक्टर फैसला लेंगे. खनिज मंत्री ने कहा है कि सरकार क्रशर की जारी अनुमतियों की भी जांच करा रही है, ताकि पता चल सके कि कितने बड़े क्षेत्रफल में क्रशर चलाने की अनुमति जारी हुई थी और कितने क्षेत्रफल में क्रशर संचालित हुआ. अगर नियमों और जारी अनुमतियों से छेड़छाड़ हुआ होगी, तो वहां संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने दिया एक साल का हिसाब
अपने एक साल के कामकाज का ब्यौरा देते हुए मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि 36 जिलों में रेत नीलामी से 1234 करोड़ की आय होगी. छतरपुर की 364 हेक्टेयर की बंदर हीरा खदान को आदित्य बिड़ला ग्रुप की कम्पनी मेसर्स ऐस्सल माइनिंग कंपनी को दी गई. इससे सरकार को 23 हजार 506 करोड़ की आय होगी. इसके अलावा अवैध खनन के 1330, अवैध परिवहन के 8294 और अवैध भण्डारण के 531 प्रकरण दर्ज हुए हैं.बहरहाल, खनिज मंत्री ने दावा किया है कि खनिज की खोज के लिए सरकार ने नेशनल मिनरल डेवलपमेंट हैदराबाद के साथ पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सीधी, दमोह, जबलपुर एवं कटनी जिलों के 24 क्षेत्रों में एमओयू साइन किए हैं.