भोपाल
प्रदेश में बाढ़ (Flood in madhya pradesh)आपदा के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ होते-होते बीजेपी के अपने ही घर में घमासान शुरू हो गया है. बाढ़ पीड़ितों और किसानों (farmers)को 21 सितंबर तक मदद न मिलने पर 22 सितंबर को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान करने वाले शिवराज सिंह चौहान पार्टी में अलग-थलग पड़ गए लगते हैं.
शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan)के ऐलान करने के एक दिन बाद ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी 20 सितंबर को प्रदेश भर में विधानसभा स्तर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
इस संबंध में सभी जिलों के जिलाध्यक्षों को निर्देश जारी किए गए हैं. खास बात ये है कि दोनों नेताओं की ओर से ये कहा गया कि उन्होंने ज़मीनी सर्वे के बाद ये तय किया है कि किसान और आम आदमी बाढ़ से परेशान है. उन तक सरकारी मदद नहीं पहुंची है.इस वजह से विरोध का फैसला किया गया है.
इस वक्त मध्य प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ की चपेट में है. कई जिलों में किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. जबकि बाढ़ की वजह से जान माल का भी काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान और राकेश सिंह दोनों नेता प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और सरकार को निशाने पर ले रहे हैं.
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद शिवराज सिंह चौहान ने संगठन की अनुमति के बिना मध्य प्रदेश में आभार यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया था. इसे लेकर संगठन में नाराज़गी भी दिखी. नतीजा बाद में यात्रा निकालने की अनुमति शिवराज को नहीं दी गई और यात्रा स्थगित करनी पड़ी.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है,भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलों की तबाही पर सरकार के लापरवाही पूर्ण रवैये के खिलाफ प्रदेश भर में विधानसभा स्तर पर 20 सितंबर को धरना प्रदर्शन किए जाएंगे. हाल ही में मंदसौर, नीमच,निमाड़ और मालवा सहित अन्य स्थानों पर बाढ पीड़ित क्षेत्रों का जायजा लिया है. वहां हालात बेकाबू हैं और फसलें पूरी तरह तबाह हो गयी हैं.
शिवराज सिंह ने कहा-अभी हम आग्रह कर रहे. अगर आग्रह से नहीं मानें तो लोग अपनी फसलें लेकर सड़क पर आएंगे. अभी हम देख रहे हैं नहीं तो 22 तारीख को 12 बजे एक घंटे के लिए सड़कों पर उतरेंगे. सरकार की ड्यूटी है कि वो संकट के समय जनता के साथ खड़ी रहे.
कमलनाथ सरकार में मंत्री लाखन सिंह का कहना है कि बीजेपी ये कैसे कह रही है कि सरकार मदद नहीं कर रही. सर्वे हो रहा है मुआवजा भी दिया जाएगा. बीजेपी धरना प्रदर्शन की अलग अलग तारीख बताती है. पार्टी के नेताओं में खुद को बड़ा साबित करने की होड़ मची है. इससे हमें कोई लेना देना नहीं है.